Book Title: Mrutyu ki Dastak
Author(s): Baidyanath Saraswati, Ramlakhan Maurya
Publisher: D K Printworld Pvt Ltd, Nirmalkuar Bose Samarak Pratishthan
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________________ 96 . मृत्यु की दस्तक सुकर्मी होते हैं उन्हें स्वर्ग मिलता है और जो कुकर्मी होते हैं उन्हें नरक प्राप्त होता है। किन्तु यह एक शिष्टाचार है कि किसी भी मरे हुए व्यक्ति के स्वर्गवास की कामना की जाती है। ऐसी ही बात महाप्रयाण के साथ है। मुक्ति तो संत-महात्माओं को मिलती है लेकिन अन्य श्रेष्ठ पुरुषों के लिए भी इस शब्द का व्यवहार होता है जिससे उन लोगों के प्रति सम्मान व्यक्त होता है। (छ) मरना-मारना - ये दोनों शब्द मृत्यु के लिए बहुत ही प्रचलित हैं। अमुक व्यक्ति मर गया, अर्थात् उसकी मृत्यु हो गई। अमुक व्यक्ति ने अमुक व्यक्ति को मार डाला, अर्थात् जिस व्यक्ति को मारा गया उसकी मृत्यु हो गई। मृत्यु दुःखद होती है और इससे जीवन का विनाश हो जाता है। किन्तु आश्चर्य की बात तो यह है कि इन शब्दों के व्यवहार में कभी-कभी सुख एवं जीवन के विकास का सन्देश देखा जाता है। जब कोई प्रेमी अपनी प्रेमिका से कहता है "हाय मैं तो मर गया", "तेरी अदाओं ने मुझे मार डाला' तब यह उक्ति दुःख नहीं सुख का संचार करती है। जीवन को उत्साहित करती है। मरने वाला स्वयं बोलता है “मैं मर गया। अतः मृत्यु के लिए व्यवहृत होने वाले शब्दों को इनके संदर्भो को देखते हुए ही सही रूप में समझा जा सकता है। मृत्यु की कामचलाऊ अवधारणा यद्यपि मृत्यु की कोई अवधारणा बनती नहीं है फिर भी “अर्थक्रिया कारित्वम सतं" के सिद्धान्त के आधार पर इसकी कुछ कामचलाऊ अवधारणा बन सकती है। मृत्यु हो जाने पर जो कुछ होता है उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि मृत्यु ऐसी नहीं होती है। मृत्यु होने पर प्राणान्त हो जाता है, देहान्त हो जाता है, चिरनिद्रा की स्थिति आ जाती है, आदि। अतः कह सकते हैं - (क) मृत्यु वह है जिससे प्राणों का अन्त हो जाता है। (ख) मृत्यु वह है जिसके कारण मरने वाले की चेतना हमेशा के लिए समाप्त हो जाती ___ है अथवा चेतना का सदा के लिए समाप्त हो जाना ही मृत्यु है। (ग) मृत्यु वह है जिसके कारण व्यक्ति स्थायी निद्रा की स्थिति में आ जाता है। (घ) मृत्यु वह है जिसके कारण व्यक्ति सदा-सदा के लिए अपनों से दूर हो जाता है और उसके लौटने की आशा नहीं रह जाती है। मृत्यु के प्रकार मृत्यु के निम्नलिखित प्रकार माने गए हैं - (1) सामान्य मृत्यु - जब कोई व्यक्ति बूढ़ा होकर अथवा बीमार होकर मरता है तब उसे सामान्य मृत्यु कहते हैं।