Book Title: Mrutyu ki Dastak
Author(s): Baidyanath Saraswati, Ramlakhan Maurya
Publisher: D K Printworld Pvt Ltd, Nirmalkuar Bose Samarak Pratishthan
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________________ मेलान एक - लोक अवधारणा 181 के बर्तन में आटे का पुतला बनाकर मंत्र द्वारा उसे जागृत किया जाता है एवं उसे शत्रु के ऊपर भेजा जाता है। जिस व्यक्ति के ऊपर मेलान का प्रयोग किया जाता है, उसका चेहरा विकृत दिखाई देने लगता है। यह उसके मेलान से ग्रसित होने का लक्षण है। मेलान भेजने के सम्बन्ध में यह भी प्रचलित है कि किसी जानवर की बलि देकर उसकी आत्मा को तांत्रिक अपने वश में कर लेते हैं और उस वशीभूत आत्मा को लक्षित व्यक्ति के पास उसके नाम, स्थान और आयु के आधार पर भेजते हैं। इसी आधार पर मेलान अपने लक्ष्य की ओर चलता है। लक्षित व्यक्ति जिस ग्राम में निवास करता है, वहाँ के ग्राम देवता मेलान से उसको बचाने का प्रयास करते हैं। इसलिए मेलान भेजने से पूर्व ही सम्बन्धित ग्राम के देवता को पूजापाठ द्वारा प्रसन्न कर अपने पक्ष में करने का प्रयास करते हैं। मेलान के सम्बन्ध में एक अवधारणा यह भी है कि तांत्रिक कड़ाहे में घी, बत्ती, आदि सामग्री रखकर मंत्र के द्वारा उसे जागृत करता है। मंत्रबल से कड़ाहा चलता है और अपने लक्ष्य तक पहुँच जाता है। ऐसी भी जनश्रुति है कि मिट्टी की मूर्ति बनाकर उसकी पूजा की जाती है तथा इसे कुश द्वारा प्रतिदिन छेदन किया जाता है। मूर्ति छेदन से लक्षित व्यक्ति को कष्ट होता है जैसेकि वास्तव में उसे ही छेदन द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा हो। यह प्रताड़ना पूर्णाहुति के दिन तक चलती है। पूर्णाहुति के दिन व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, इसके अतिरिक्त, इस अवधारणा में तत्काल मृत्यु की भी व्यवस्था उपलब्ध है। लक्षित व्यक्ति को अगर यह ज्ञात हो जाता है कि उस पर मेलान का प्रयोग किया गया है तो वह किसी तांत्रिक (श्याने) की सहायता उसे वापस भी लौटा देता है। लेकिन लौटाने की यह प्रक्रिया उसी अवस्था में संभव है जब तक कि लक्षित व्यक्ति जीवित है तथा लौटाने वाला तांत्रिक मेलान भेजने वाले तांत्रिक की अपेक्षा अधिक सिद्धि-सम्पन्न हो। कभी-कभी मेलान लक्षित व्यक्ति को नहीं प्राप्त कर पाता है, तो वह स्वयं ही वापस लौट आता है। मेलान को अगर मंत्रबल से लौटाया जाता है तो यह भेजवाने वाले को नुकसान पहुंचाता है। परन्तु लक्ष्य प्राप्ति की असमर्थता की अवस्था में तांत्रिक को ही नुकसान पहुँचाता है। यह लक्ष्य प्राप्ति की असमर्थता निर्दिष्ट स्थल पर व्यक्ति की अनुपस्थिति की उपज होती है। इस सम्बन्ध में एक ग्रामीण ने एक परिवार की घटना सुनायी जिस पर मेलान भेजा गया था। किन्तु उस परिवार की एक विवाहित लड़की ने जो स्वयं तांत्रिक थी, पूरे परिवार को घर छोड़कर तुरन्त गाँव की सीमा से बाहर चले जाने को कहा। वे गाँव की सीमा से बाहर चले गये। मेलान आया किन्तु किसी को न पाकर वापस लौटकर तान्त्रिक की पत्नी को मार डाला। (बिच्छू के रूप में आकर उसे काट लिया जिससे उसकी मृत्यु हो गयी)। .. मेलान जागृत् करने की अभिक्रिया में जो ऊर्जा उत्पन्न होती है उसका क्षय करना असंभव है। भेजने वाला तांत्रिक अगर समर्थ होता है तो लौटाए हुए मेलान को और अधिक