Book Title: Mrutyu ki Dastak
Author(s): Baidyanath Saraswati, Ramlakhan Maurya
Publisher: D K Printworld Pvt Ltd, Nirmalkuar Bose Samarak Pratishthan

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Page 192
________________ 182 . मृत्यु की दस्तक प्रभावी बनाकर पुनः वापस भेज देता है। किन्तु अगर इसमें सक्षम नहीं रहता है तो मेलान को किसी पशु या पेड़-पौधे पर आरोपित कर देता है। मेलान आरोपित पशु हिंसक हो जाता है, जिसे ग्रामीण क्षेत्र में भूतहा पशु के नाम से पुकारा जाता है। अक्सर यह साँड़ या भैंसे के साथ सुना जाता है। अगर पेड़-पौधे पर मेलान का आरोपण किया जाता है तो वह सूख जाता है। मेलान जिसे “पूराचरन” और “मूंठ” भी कहा जाता है सिर्फ शत्रुनाशन के लिए ही नहीं उपयुक्त है, अपितु इसके प्रयोग का एक उज्ज्वल पक्ष भी है। सामान्यतः अभी तक इसकी शत्रुनाशक विधि ही अधिक प्रयोग में लायी जाती रही है। इसके द्वारा घर छोड़कर भागे हुए को भी वापस बुलाया जा सकता है। इसका सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण उपयोग मृत्यु प्राप्ति के लिए किया जा सकता है। लेकिन इस मृत्यु प्राप्ति का उद्देश्य शत्रुता न होकर शरीर त्याग की उत्प्रेरणा होनी चाहिए। वर्तमान में इसका प्रयोग यदि जल-समाधि, आत्मदाह, विष सेवन और अन्न-जल त्यागकर मृत्यु प्राप्ति के कष्टकारी साधनों के विकल्प के रूप में किया जाये तो मेलान को उपयोगी तथा लोकप्रिय बनाया जा सकता है।

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