Book Title: Mrutyu ki Dastak
Author(s): Baidyanath Saraswati, Ramlakhan Maurya
Publisher: D K Printworld Pvt Ltd, Nirmalkuar Bose Samarak Pratishthan
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________________ मेलान एक लोक अवधारणा - राघवेन्द्र प्रताप सिंह आज मृत्यु का वरण विचार-विमर्श का विषय हो गया है। कई लोग आत्महत्या कर लेते हैं, उग्रवादी मिशन के लिए ऐसा करते हैं, सैनिक शहीद होते हैं, वैरागी समाधि लेते हैं, कुछ विधवाएँ सती होती हैं, राजपूतनियाँ कामी मुगल आक्रान्ताओं से बचने के लिए ही जौहर करती थीं। कुछ पंथों में तो सामूहिक आत्महत्या की प्रथा है, असाध्य रोग से ग्रसित व्यक्तियों को जीवन-लीला समाप्त करने का चिकित्सकीय उपाय है, कुछ मरीज़ मृत्यु की प्राप्ति के लिए दवाएँ लेना बन्द कर देते हैं, जैन धर्म में संथारा लेना भी मृत्यु प्राप्ति का एक साधन है। ___ भारतीय दार्शनिक चिन्तन परम्परा में मृत्यु और जीवन को एक ही सिक्के के दो पहलू के रूप में ग्रहण किया गया है। भारतीय लोक परम्परा भी इसी दार्शनिक परम्परा का अनुकरण करती प्रतीत होती है। मेलान नामक लोक अवधारणा में व्यक्ति मृत्यु का अनुभव करता है। जहाँ जीवन है, वहीं मृत्यु है। जीवन और मृत्यु दोनों एक-दूसरे से संपृक्त हैं। इस लोक अवधारणा में जीवन को मृत्यु से जोड़ा गया है। इस प्रविधि में सम्बन्धित व्यक्ति को मृत्यु स्वयं खोज लेती है। ___ लोक प्रचलित यह अवधारणा मूलतः बलिया जनपद के सिकन्दरपुर तहसील के अन्तर्गत 25 कि.मी. के विस्तृत क्षेत्र में स्थित ग्रामों - एकलई, सिकन्दरपुर, तेन्दुआ और कुण्डीडीह के सर्वेक्षण पर आधारित है। इन ग्रामों से मैंने क्रमशः 3,1,1,1 व्यक्तियों का साक्षात्कार प्रश्न-तालिका के माध्यम से लिया। इसके अतिरिक्त अन्य लोगों से भी चर्चा हुई जो विभिन्न सामाजिक वर्गों और ग्रामों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ___ मेलान नामक लोक अवधारणा में व्यक्ति किसी तांत्रिक द्वारा अपने शत्रु के ऊपर अभिचार क्रियाएँ करवाता है, जिससे लक्षित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। सर्वप्रथम मिट्टी