Book Title: Mrutyu ki Dastak
Author(s): Baidyanath Saraswati, Ramlakhan Maurya
Publisher: D K Printworld Pvt Ltd, Nirmalkuar Bose Samarak Pratishthan
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________________ ज्योतिष शास्त्र में मृत्यु-विचार 101 देखें नीचे चक्र में - स्वामी रामतीर्थ परमहंस राहु 1 - 11 X 12 ____10 शनि मंगल 9 शुक्र M 5 बृहस्पति सू. चं. बू. इनकी माता नौ. मास की अवस्था में उन्हें त्यागकर चल बसी थीं। जातक के जन्म से पिता की मृत्यु का विचार यदि जन्म के समय नवम स्थान का स्वामी-ग्रह राहु से छठे अथवा आठवें स्थान में बैठा हो और राहु की महादशा में जन्म हो अथवा नवमेश की महादशा में हो तो पिता की मृत्यु होती है। प्रस्तुत है मिथिला के महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह जी की जन्म कुण्डली चक्र - के. 4 ده لي لي म. चं. ___11 शु. 8 / 10 सू. रा. उपर्युक्त चक्र में नवमेश शनि से राहु छठे स्थान में बैठा है तथा राहु से शनि आठवें स्थान में है और स्वामी नक्षत्र में जन्म होने के कारण इनका जन्म राहु की महादशा में हुआ