Book Title: Meghkumar ki Atmakatha Diwakar Chitrakatha 014
Author(s): Purnachandravijay, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 4
________________ 106759 मेषकुमार की आत्मकथा एक रात धारिणी रानी ने स्वप्न देखा, एक विशालकाय श्वेत हाथी सूंड उछालता हुआ आकाश से उतरकर रानी के मुँह के रास्ते उदर में प्रवेश कर रहा है। या 20 NSGOODल 600060666 VIRUR मानाAMRUPRAT 0000 | फिर दूसरे कक्ष में सोये महाराज श्रेणिक के पास आई। स्वप्न देखकर रानी जाग उठी। वह दो क्षण इस विचित्र स्वप्न पर विचार करती रही। Ooon INSTALLI LA-4 aAQScer Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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