Book Title: Meghkumar ki Atmakatha Diwakar Chitrakatha 014
Author(s): Purnachandravijay, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 23
________________ मेधकुमार बहुत समय पहले वैतादयगिरि पर्वत की तलहटी में एक हरा-भरा विशाल जंगल था। उस जंगल में सैकड़ों हाथी-हथिनियों के साथ उन हाथियों का राजा सुमेरुप्रभ रहता था। सुमेरुप्रभ अपने हाथियों के दल के साथ सरोवरों, ईख के खेतों और केले के वनों में क्रीड़ा | करता और मस्ती से घूमता रहता था। WHAacar 12thirala AKULU Avy WAVAN एक बार ग्रीष्म ऋतु में उस जंगल में भीषण आग लगी। हवा के झोंकों के साथ देखते-देखते हो आग समूचे जंगल में फैल गई। जंगली जीव, सिंह, चीते, हरिण, खरगोश आदि आग से बचने के लिए इधर-उधर सुरक्षित स्थानों को भागने लगे। SHA CIALIS 21 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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