Book Title: Meghkumar ki Atmakatha Diwakar Chitrakatha 014
Author(s): Purnachandravijay, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 25
________________ मेधकुमार सरोवर में पानी कम दलदल ही ज्यादा था। सुमेतप्रभ पानी पीने के लिए दलदल में उतरा तो गहरा धंस गया। जैसे-जैसे वह निकलने की चेष्टा करता, और गहरा फँसता जाता। वह न तो पानी तक पहुँच पाया और न ही वापस किनारे पर आ सका। बीच दलदल में ही कई दिनों तक भूखा-प्यासा फँसा रहा। इसी बीच उस यूथ का एक नौजवान हाथी जो सुमेरुप्रभ से खार खाये हुए था, उधर आ गया। उसने बदला लेने का यह मौका देखा तो अपने तीखे दंत शूलों से सुमेरुप्रभ को घायल कर लहूलुहान करने लगा। ication International For Private 23sonal Use Only

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