Book Title: Meghkumar ki Atmakatha Diwakar Chitrakatha 014
Author(s): Purnachandravijay, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan
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मेघकुमार की आत्मकथा युवा होने पर आठ सुन्दर राजकुमारियों के साथ मेघकुमार का विवाह हुआ।
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मेघकुमार अपनी आठों रानियों के साथ सुख-पूर्वक रहने लगा।
कुछ वर्षों बाद भगवान महावीर मगध की राजधानी राजगृह में | | मेधकुमार ने आनन्दित होकर कहापधारे। भगवान के दर्शन के लिये जाती हुई भीड़ देखकर भगवान पधारे हैं? मेघमार ने महलों के प्रतिहारी से पूछा-1 0
वाह ! हम भी दर्शन
करने जायेंगे। आज नगर में कुमार ! तीर्थंकर भगवान महावीर क्या उत्सव है? नगर के गुणशील उद्यान में पधारे हैं।
ये लोग दर्शनों के लिए जा रहे हैं।
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मेघकुमार अपनी आठों पत्नियों के साथ रथ में बैठकर भगवान महावीर के दर्शन करने चल दिया।
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