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सौभाग्य मुद्रा [ पीछे का भाग]
धार्मिक परंपरागत अनुष्ठानों में निर्बज सौभाग्य मुद्रा प्रचलित है। पंच मुद्रा का विधान के वक्त उपयोग होता है किसी भी प्रकार के अपेक्षा युक्त अनुष्ठान हो तो सबीज मुद्रा भी साथ में करनी चाहिए। सबीज मुद्रा करने से ही अपेक्षित अर्थ की प्राप्ति होती है।
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