Book Title: Maro Swadhyaya
Author(s): Divyaratnavijay
Publisher: Shraman Seva Parivar

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Page 237
________________ बंधक मुद्रा पुस्तक मुद्रा । फोटा को अच्छी तरह से|. दोनों हाथ की अंगुलीओं के देखने से कर पायेंगे। अग्रभाग को अंगुष्ठ के पास लाभ : उष्णता उर्जा बढ़ती है। लगाना तथा अंगुष्ठ के हृदयविकार में लाभ- अग्रभाग को तर्जनी के पास दायी, अद्भूत शान्ति की रखने से बनती है। प्राप्ति । लाभ : अध्ययन में लाभकारी, यह उपयोग : उच्च रक्तदाब नियंत्रण मुद्रा करने से ज्ञानप्राप्ति । ज्ञान के लिये । आध्यात्मिक तथा एकाग्रता प्राप्त करने हेतु शक्ति में आगे बढ़ने के क्षमता का विकास होता है। लिए। उपयोग ः ज्ञानप्राप्ति हेतु मन और चित्तकी एकाग्रता प्राप्त करने के लिए। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org .42.

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