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ज्ञानवैराग्य मुद्रा
दायें हाथ की ज्ञान मुद्रा करके हृदय के पास हाथ को रखना
और बायें हाथ की ज्ञान मुद्रा करके घुटन के पास
रखने से ज्ञानवैराग्य मुद्रा बनती है। लाभ : ज्ञान मुद्रा के सभी लाभ तदुपरांत वैराग्य की प्राप्ति। उपयोग : संसार में निष्पाप जीवन जीने में सहायक है।
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