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अस्त्र मुद्रा - (२)
दोनों हाथ जोड़कर अंगुलीओं को अंदर रखकर दोनों अंगुष्ठ को उपर करके दोनों तर्जनी अंगुली को फैलाना ।
उपयोग : शक्ति का प्रदर्शन। यह मुद्रा परंपरागत सात्त्विकविधान उपासना के वक्त की जाती है।
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