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पद्म मुद्रा
पद्माकारौ करौ कृत्वा मध्येऽङ्गष्ठौ कर्णिकाकारौ विन्यसे
दिति पद्ममुद्रा । अर्थ : दोनों हाथों को कमल के आकार का करके कमलाकार हाथ
के बीच में दोनों अंगुष्ठों को कणिका के आकार का बनाना
पद्म मुद्रा है। उपयोग : पद्मवत् निर्लेपता प्राप्ति, तथा निस्पृहताकारक आकर्षण हेतु।
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