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गरुड मुद्रा - (१)
आत्मनोऽभिमुखदक्षिणहस्तकनिष्ठिकयावामकनिष्ठिकां
संगृह्याधः परावर्तितहस्ताभ्यां गरुडमुद्रा । अर्थ : अपनी ओर अभिमुख किये हुए दाँये हाथ की कनिष्ठिका
अंगुली से बाँये हाथ कनिष्ठिका अंगुली को पकड़कर नीचे की
ओर परावर्तित प्रत्यावर्त्तन किये हुए हाथों से गरुड मुद्रा होती है। उपयोग : जीवन में प्रतिबंधक तत्त्वो का नाश ।
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