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मंत्र अधिकार
मंत्र यंत्र और तंत्र
मुनि प्रार्थना सागर
विधि- दीपावली की रात्रि में कमलगट्टे या स्फटिक की माला से पूर्व दिशा में मुख करके दीपक
जलाकर निम्न मंत्र का जाप करेंपहले इस मंत्र से मंत्र का उत्कीलन करें
"ॐ श्रीं क्लीं ह्रीं सप्तशति चण्डिके उत्कीलन कुरु कुरु स्वाहा।" (7)लक्ष्मी प्राप्ति मंत्र- ॐ ह्रीं श्री गजवाहिनी महालक्ष्मी धन धान्यं वृद्धि कुरु-कुरु
स्वाहा। विधि- दीवाली की रात को 120 माल जप करें, पश्चात्, प्रतिदिन एक माला जपे तो
लक्ष्मी की प्राप्ति हो। (8) दीपावली कर्ज मुक्ति मंत्र- ओं ह्रीं श्रीं क्लीं क्रौं ॐ घंटाकर्ण महावीर लक्ष्मी
पूरय-पूरय सुख सौभाग्यं कुरु-कुरु स्वाहा। विधि- दीपावली को सफेद वस्त्र, सफेद आसन, सफेद माला का उपयोग करें व व्यापार
वृद्धि मंगल कलश की स्थापना करें। दीपक जलाएं उत्तर दिशा को मुंह करके जप
करें तो वह वर्ष निश्चित ही कर्ज मुक्ति हो। (10) शरद पूर्णिमा पर (पापभक्षणी विद्या) सरस्वती मंत्र : ऊँ अर्हन् मुख कमल वासिनी पापात्म क्षयंकरी श्रुतज्ञान ज्वाला सहस्त्र प्रज्वलने सरस्वती मम् पापं हन हन, दह दह, पच-पच, क्षां क्षीं हूं क्षौं क्षः क्षीर वर, धवले अमृत संभवे (पल्लवे) अमृत श्रावय श्रावय वं वं हूँ फट् स्वाहा। विधि : मंत्र को कांसे की थाली में सुगन्धित द्रव्य से लिखे १००८ पुष्पों से जप करें मेवा
की खीर बनाकर रखें फिर दूसरे दिन सिर्फ वही खीर खायें और कुछ न खायें तो सरस्वती प्रसन्न होय।
(36) क्षेत्रपाल सिद्धि मंत्र (1) क्षेत्रपाल मंत्र- ॐ खं क्षेत्रपालाय नमः विधि- सवा लाख जाप करें तो क्षेत्रपाल प्रसन्न हो। (2) क्षेत्रपाल सिद्धि मंत्र- ॐ क्षां क्षीं झू क्षौं क्ष: क्षेत्रपालाय नमः। विधि- इस मंत्र की त्रिकाल १२माला जाप करने से क्षेत्रपाल जी प्रसन्न होते हैं। (3) क्षेत्रपाल मंत्र- ॐ खं क्षेत्रपालाय नमः। विधि- ताम्र पत्र पर क्षेत्रपाल की मूर्ति बनाकर उस पर जल व दुग्ध धारा करते हुए एक
लाख जप करने से मंत्र सिद्ध होता है, क्षेत्रपाल प्रसन्न होता है ।( प्रकारान्तर से) (4) देव प्रसन्न मंत्र- ॐ ह्रीं श्रीं अहँ नमि उण विसहर विसह जिण फुलिंग ह्रीं श्रीं नमः । विधि- शुभदिन, तिथि, नक्षत्र से शुरु कर एक लाख जाप करें।
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