Book Title: Mantra Adhikar
Author(s): Prarthanasagar
Publisher: Prarthanasagar Foundation

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Page 104
________________ मंत्र अधिकार मंत्र यंत्र और तंत्र मुनि प्रार्थना सागर 28. ऋद्धि - ॐ णमो महातवाणं। फल - इसके जप से जल का स्तम्भन होता है। ऋद्धि - ॐ णमो घोरतवाणं। फल - प्रतिदिन 108 जप से सर्व विष व मुख के रोग नष्ट होते हैं। ऋद्धि - ॐ णमो घोरगुणाणं। फल - प्रतिदिन 108 जप से लूताजंभादि रोगों का नाश होता है। ऋद्धि - ॐ णमो घोरगुण परक्कमाणं । फल - प्रतिदिन 108 जप से व्यन्तरादि के भय नष्ट होते हैं। ऋद्धि - ॐ णमो घोरगुण बंभचारीणं। फल - प्रतिदिन 108 जप से व्यन्तरादि का भयनष्ट हो जाता है। ऋद्धि - ॐ णमो आमो (सव्वो) सहिपत्ताणं। फल - 108 जप से जन्मान्तर का वैर नष्ट हो जाता है। ऋद्धि - ॐ णमो खिल्लोसहिपत्ताणं। फल - प्रतिदिन 108 जप से सर्व अपमृत्यु का नाश हो जाता है। ऋद्धि - ॐ णमो जल्लोसहिपत्ताणं। फल - इसके जप से चित्तभ्रम नष्ट हो जाता है। ऋद्धि - ॐ णमोविप्पोसहिपत्ताणं। फल - प्रतिदिन जप से गज-मारी का नाश होता है। ऋद्धि - ॐ णमो सव्वेसहिपत्ताणं। फल - प्रतिदिन जप से मनुष्यमारी नष्ट होती है। ऋद्धि - ॐ णमो मणबलीणं। फल - प्रतिदिन जप से अश्वमारि नष्ट होती है। ऋद्धि - ॐ णमो वचिबलीणं। फल - प्रतिदिन जप से अजमारी नष्ट होती है। ऋद्धि - ॐ णमो कायबलीणं। फल - प्रतिदिन जप से गोमारी नष्ट होती है। ऋद्धि - ॐ णमो खीरसवीणं। फल - गौ दुग्ध पर जपें। कुष्ट, गंडमाला, श्वास आदि रोग नष्ट होते हैं। फल- गौ दुग्ध पर जपें। कुष्ट,गंडमाला, श्वास आदि रोग नष्ट होते हैं। ऋद्धि- ॐ णमो सप्पिसवीणं। फल- प्रतिदिन जप से एकान्तर ज्वर नष्ट होता है। ऋद्धि- ॐ णमो महुर सव्वीणं। फल- प्रतिदिन जप से समस्त उपसर्ग नष्ट होते हैं। । 196 ४३.

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