Book Title: Mantra Adhikar
Author(s): Prarthanasagar
Publisher: Prarthanasagar Foundation
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मंत्र अधिकार
मंत्र यंत्र और तंत्र
मुनि प्रार्थना सागर
अष्टादश शील, सहस्राणि, चतुरशीति लक्षगुणाः, त्रयोदश विधंचारित्रं, द्वादशविध तपश्चेति सकलं सम्पूर्ण अर्हत सिद्धाचार्योपाध्याय सर्व साधु साक्षिकं सम्यक्त्व पूर्वकं, दृढव्रतं, सुव्रतं, समारुढं ते में भवतु।। (18) शान्ति भक्ति पढ़कर दीक्षार्थी की अंजली की सामग्री को परिवार वालों को दान करा दें। (19) नीचे लिखे प्रत्येक मंत्र को पढ़कर सिर पर लौंग रखकर पुष्प क्षेपण कर षोड़श संस्कारारोपण करें। 1. अयं सम्यकदर्शन संस्कार इह मुनौ स्फुरतु। 2. अयं सम्यकज्ञान संस्कार इह मुनौ स्फुरतु। 3. अयं सम्यक्चारित्र संस्कार इह मुनौ स्फुरतु। 4. अयं बाह्यभ्यंतरतपः संस्कार इह मुनौ स्फुरतु। 5. अयं चतुरंगवीर्य संस्कार इह मुनौ स्फुरतु। 6. अयं अष्टमातृकामंडल संस्कार इह मुनौ स्फुरतु। 7. अयं शुद्धयष्टकावष्टंभ संस्कार संस्कार इह मुनौ स्फुरतु। 8. अयं अशेषपरीषहजय संस्कार इह मुनौ स्फुरतु। 9. अयं त्रियोगा संगम निवृत्तिशीलता संस्कार इह मुनौ स्फुरतु । 10. अयं त्रिकरणा संयम निवृत्तिशीलता संस्कार इह मुनौ स्फुरतु । 11. अयं दशा संयम निवृत्तिशीलता संस्कार इह मुनौ स्फुरतु। 12. अयं चतुः संज्ञा निग्रहशीलता संस्कार इह मुनौ स्फुरतु। 13. अयं पंचेन्द्रिजय शीलता संस्कार इह मुनौ स्फुरतु। 14. अयं दर्श धर्मधारण शीलता संस्कार इह मुनौ स्फुरतु। 15. अयं अष्टादशसहस्र शीलता संस्कार इह मुनौ स्फुरतु। 16. अयं चतुरशीतिलक्षण संस्कार इह मुनौ स्फुरतु। (20) दीक्षार्थी के मस्तक पर हाथ रखकर निम्न मंत्र पढ़ें – मंत्र- णमो अरहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आइरियाणं, णमो उवज्झायाणं, णमो
लोएसव्व साहूणं, ऊँ परमहंसाय परमेष्ठिने हंस हंस हं हृा हिं ह्रीं हुं हूं हें हैं,
ह्रौं, हृ: जिनाय नमः जिनं स्थापयामि सवौषट् । (21) नीचे लिखी गुर्वावली पढ़कर नाम प्रदान करें।
श्री मूल संघे, कुंद-कुंद आम्नाय,बलात्कार गणे, सेन गच्छे, नन्दी संघस्य परम्परायाम् श्री महावीर कीर्ति आचार्य जातास्यतत् शिष्यः श्री विमलसागर आचार्य जातास्तत् शिष्यः .......अहम् मुनि प्रार्थना सागर शिष्यः अमुकस्य .......अमुकनामा भवतु। (22) निम्न मंत्र बोलकर पिच्छिका प्रदान करें।
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