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मंत्र अधिकार
मंत्र यंत्र और तंत्र
मुनि प्रार्थना सागर
(1)शरीर पीड़ा व दृष्टिदोष निवारक : ऊँ ह्रीं णमो अरिहंताणं, ऊँ ह्रीं णमो सिद्धाणं, ऊँ
ह्रीं णमो आयरियाणं, ऊँ ह्रीं णमो उवज्झायाणं, ऊँ ह्रीं णमो लोए सव्वसाहूणं, ऊँ ह्रीं णमो णाणाय, ऊँ ह्रीं णमो दंसणाय, ऊँ ह्रीं णमो चरित्ताय, ऊँ ह्रीं णमो तवाय, ऊँ ह्रीं
णमो त्रैलोक्यवशंकराय ह्रीं स्वाहा। विधि : मंत्र से २१ बार जल मन्त्रित कर रोगी को पिलाने और शरीर पर छींटे देने से पीड़ा और नजर दोष दूर होता है।
(96) सिर दर्द नाशक मंत्र (1) सिर रोग नाशक मंत्र- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कलिकुंड दण्ड स्वामिने नमः आरोग्य
परमेश्वर्य मां कुरु-कुरु स्वाहा। विधि- इस मंत्र का १०८ बार जाप करें और हाथ को सिर पर फेरें तो सिर रोग मिटे। (2) माथे का दुखना शांत- (अ) ॐ हूं।
(ब) ॐ जः हः सः। प्रतिदिन १०८ बार जाप करें तो सिर दर्द ठीक होय। (स) ॐ वैष्णवै हुं स्वाहा। अथवा 'ॐ क्षं झू शिरोवेदनां नाशय-नाशय स्वाहा।'
(द) 'ॐ ऋषयस्य किरकिरु स्वाहा' अथवा 'ॐ हीं रौं रौं रूं यः क्षः' विधि-इन ऊपर लिखे सभी मंत्रों में से किसी भी मंत्र की सवा लाख जाप कर मंत्र को
सिद्ध कर लें, फिर मंत्र का १०८ बार जाप करते हुए मस्तक पर हाथ फेरते जायें तो
माथे का दुखना शांत होता है। (3) सिर दर्द मिटाने का मंत्र- ॐ हः झू झू हः। विधि- मस्तक को मन्त्रित करने से सिर का दर्द मिटता है। (4) आधा सिर दर्द नाशक मंत्र- ॐ ह्रीं अहँ ओहिजिणाणं सूर्यावर्त शिरोर्द्ध सर्वमस्तकाक्षि
रोग नाशय नाशय स्वाहा। विधि- सूर्योदय के पहले इस मंत्र से भस्म को मंत्रित करके लगाएँ। (5) सिर रोग नष्ट मंत्र- ॐ ह्रीं अहँ णमो ओहि जिणाणं परमोहि जिणाणं शिरो रोग
विनाशनं भवतु। विधि- इस मंत्र का १०८ बार जाप कर झाड़ा दें, तो सिर पीड़ा ठीक (शांत) हो। (6) सिर दर्द नाशक मंत्र- ॐ क्षीं क्षीं क्षीं हः स्वाहा। विधि- इस मंत्र का १०८ बार जाप करते हुए मस्तक पर हाथ फेरते जायें तो सिर पीड़ा ठीक (शांत) हो।
(97)आंख (नेत्र ) पीड़ा दूर मंत्र
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