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मंत्र अधिकार
मंत्र यंत्र और तंत्र
मुनि प्रार्थना सागर
विधि- यदि किसी को भूत पिशाच, चुडैल आदि लग जावे तो इसमे से किसी
भी मंत्र का मुट्ठी बांधकर 108 बार मंत्र पढ़के दोनों समय झाड़े तो भूतादि भागे। अथवा पहले ईशन कोण की तरफ मुँह करके आधी रात के समय आठ रात्रि तक, धूप दीप कर साधना करके 2100 बार जप करके सिद्ध कर लें फिर नौ बार पढ़कर झाड़ दें या एक हाथ द्वारा मंत्रित जल को रोगी के ऊपर छोड़ दें तो भूत भागे।
(80) नजर आदि सर्व दोष निवारण (1) दृष्टि दोष ठीक मंत्र- ॐ चन्द्रमीलि सूर्य मीलि कुरु कुरु स्वाहा। विधि- इस मंत्र से झाड़ा अथवा पानी मंत्रित कर दिया जावे तो दृष्टि दोष दूर होता है। (2) ॐ नमो आर्या व लोकिते स्वराय पझे फुः पद्म बदने पद्म लोचने स्वाहा। विधि- भस्म २१ बार मंत्रित कर तिलक करने से दृष्टि दोष याने नज़र लगी हो तो ठीक हो
जाती है। (3) नजर आदि सर्व दोष निवारण- ॐ ह्रीं श्रीं पार्श्वनाथाय, ह्रीं धरणेन्द्र पद्मावती
सहिताय, आत्म चक्षु, परचक्षु, भूत चक्षु, डाकिनी चक्षु, सर्व लोग चक्षु, पितरचक्षु,
हन-हन, दह-दह, पच-पच, ॐ फट स्वाहा।। विधि- यह अत्यन्त दुर्लभ मंत्र है। अचानक किसी प्रकार की हवा (नजर) लगने पर,
स्वास्थ्य खराब होने पर, जी मचलाने पर, इस मंत्र से जल को मन्त्रित करके, पिलावें और इस मंत्र को इक्कीसबार पढ़ें, तो सब प्रकार के दोष हट जाते हैं और
जीव को आराम मिलता है। (4) नजर उतारने का मंत्र- ओं नमो भगवते श्री पार्श्वनाथाय ही धरणेन्द्र पद्मावती
सहिताय आत्मचक्षु प्रेतचक्षु पिशाचचक्षु सर्वग्रह नाशय सर्वज्वर नाशय ह्रीं श्रीं
पार्श्वनाथाय स्वाहा। विधि- इस मंत्र की दीपावली पर एक माला फेरकर सिद्ध करके फिर पानी को सात बार मंत्रित कर पिलाने से लगी नजर उतर जाती है।
___(81) निद्रा आने का मंत्र निद्रा आने का मंत्र - ॐहीं निशोज्ये स्वाहा। विधि - इस मंत्र से जल 108 बार मंत्रित कर मुंह पर छिड़के तो नींद आवें। निद्रा आने का मंत्र - ॐ निल नित्याने निल स्वाहा। विधि - इस मंत्र को आंख पर हाथ रख 108 बार पढ़े तो निद्रा आवे।
(82) निद्रा स्तंभन मंत्र
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