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मंत्र अधिकार
मंत्र यंत्र और तंत्र
(7) लक्ष्मी प्राप्ति मंत्र - ॐ ह्रीं णमो महायम्मा पत्ताणं जिणाणं । विधि - इस मंत्र का १२००० जाप करें तो लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। ( 8 ) लक्ष्मी प्राप्ति मंत्र - ॐ ह्रीं हूं णमो अरहंताणं हूँ नमः । विधि- प्रतिदिन १०८ बार पढ़ें तो धन बढ़े।
( 9 ) लक्ष्मी प्राप्ति मंत्र - ॐ ह्रीं ऐं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः स्वाहा। (10) ऋद्धि- ॐ ह्रीं श्रीं कीर्ति मुखमन्दिरे स्वाहा ।
विधि - प्रतिदिन १०८ बार जाप करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होय ।
मुनि प्रार्थना सागर
(11) लक्ष्मी दायक मंत्र - ॐ ह्रीं हं णमो अरिहंताणं ह्रीं नमः ।
विधि - प्रतिदिन मंत्र को १०८ बार पढ़ें ।
( 12 ) अभ्युदय वैभव होय - ॐ ह्रीं श्रीं इं ऐं अर्हं अर्हं क्लीं प्लूं प्लूं नमः। विधि - प्रतिदिन १०८ बार जपने से अभ्युदय वैभव होय ।
( 13 ) स्थायी धन प्राप्ति मंत्र - ॐ ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः ।
(14) अटूट लक्ष्मी होय मंत्र - ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः
विधि- तीन दिन में १२०० जाप करें उपवास के साथ, आसन, माला, वस्त्र, पीले रंग के लेना। जाप करते समय अखण्ड धूप-दीप रखना । जाप पूर्ण होने के बाद एक माला प्रतिदिन करना चाहिए ।
फल- अटूट लक्ष्मी प्राप्ति, धन-धान्य प्राप्ति, शरीर सुख एवं चारों ओर प्रताप बढ़े।
(15) यश व लक्ष्मी प्राप्ति मंत्र - ॐ णमो अरिहंताणं, ॐ णमो सिद्धाणं, ॐ णमो आइरियाणं, ॐणमो उवज्झायाणं, ॐ णमो लोए सव्वसाहूणं ( ॐ ह्रां ह्रीं हूँ ह्रौं
हः स्वाहा ।)
विधि - पुष्य नक्षत्र के दिन से पीली माला, पीले वस्त्र, पीले आसन का उपयोग करके, सवा लाख मंत्र का जाप करें मन्त्र सिद्ध होगा । साधना के दिनों में एक बार भोजन, भूमिशयन, ब्रह्मचर्य का पालन, सप्त व्यसन का त्याग, पंच पाप का त्याग करें। स्वाहा शब्द के साथ प्रत्येक मंत्र पर धूप देते जायें तथा दीपक जलता रहे। (मंत्रसिद्धि के पश्चात् प्रतिदिन एक माला जपने से धन की वृद्धि होती है ।)
( 16 ) धन संपत्ति रक्षा मंत्र - ॐ ह्रां ह्रौं श्रूं ह्रः कलिकुंड स्वामि जये विजये अप्रतिचक्रे अर्थ सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा ।
विधि - यह मंत्र ताम्र पत्र पर लिखकर द्रव्य ( पैसे के भण्डार) में रखें तो धन बढ़े और बिक्री होय ।
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