Book Title: Mahavira Purana
Author(s): Manoharlal Shastri
Publisher: Jain Granth Uddharak Karyalaya

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Page 11
________________ care@0000000000 555 नमः परमेष्ठिभ्यः । . श्री सकल कीर्तिदेव विरचित । महावीर - पुराण | ( भाषानुवाद ) जिनेशे विश्वनाथाय ह्यनंतगुणसिंधवे । धर्मचक्रभृते मूर्ध्ना श्री वीरस्वामिने नमः ॥ १ ॥ सब संसारी जीवोंके स्वामी अनंतगुणों के समुद्र धर्मरूपी चक्र धारण करनेवाले ऐसे जिनेश्वर श्रीमहावीर स्वामीको मैं नमस्कार करता हूं ॥ १ ॥ CCCC000002

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