Book Title: Mahavira Chitra Shataka Author(s): Kamalkumar Shastri, Fulchand Publisher: Bhikamsen Ratanlal Jain View full book textPage 8
________________ चिन्न-शतक के प्रकाशक MAM 4 P -- उदारमना- । बाबू रतनलाल जी जैन १२८६ वकीलपुरा देहली-११०००६ . जैन साहित्य प्रकागन की तीव्र अभिरुचि रखने वाले उदारमना वयोवृद्ध बाबू श्री रतनलाल जी जैन कालका वाले सम्प्रति १२८६ वकीलपुरा देहली के निवासी है। लगभग ४० वर्षों से आप मुझ से सुपरिचित है और मेरी लेखनी पर इतने अधिक विमुग्ध है कि मेरे विशाल काय ग्रन्थो का प्रकाशन आपने नि स्वार्थ भाव से किया है तथा भविष्य मे करने को अत्यन्त लालायित है। वज्राङ्गवली हनुमान चरित्र, भक्तामर महाकाव्य, महावीरPage Navigation
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