Book Title: Mahavira Chitra Shataka
Author(s): Kamalkumar Shastri, Fulchand
Publisher: Bhikamsen Ratanlal Jain

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Page 11
________________ चित्र-शतक के सम्पादक कवि श्री फूलचन्द जी 'पुष्पेन्दु' RAN + HARY Pr CAM HOST अध्यापक श्री पार्श्वनाथ जैन गुरुकुल खुरई (सागर) म०प्र० जिनके व्यक्तित्व मे गौणता की मुख्यता है । सामान्य की विशेषता है, व्याकरण मे जिसे भाव वाचक सज्ञा, निज वाचक सर्वनाम और अकर्मक क्रिया कहते हैं वे है श्री फूलचन्द जी 'पुष्पेन्दु'। श्री पं० कमलकुमर शास्त्री 'कुमुद' के अनन्य सहयोगी। स्व० व्रती श्री बाल चन्द जी के ४६ वर्षीय वरिष्ठ पुत्र ।

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