Book Title: Mahavir 1933 04 to 07 Varsh 01 Ank 01 to 04
Author(s): C P Singhi and Others
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Porwal Maha Sammelan
View full book text
________________
१६
महावीर .... बल वानी, श्री० सेठ रणछोड़ भाई रायचन्द, बा० सिद्धराजजी डा एम० ए०, चिम्मनलालजी क्लार्फ, सूरत. बा० ताराचन्दजी डोसी, पा० मल्लीनाथजी जैन, सम्पादक अंगरेजी जैन गजट; भीमाशंकरजी शर्मा, अचलमलनी मोदी, ची: पी; सिंघी, प्रेमचंदजी गोमाजी बाली आदि के नाम विशेष उल्लेखनीय हैं।
सम्मेलन के सैक्रेटरी श्री० एस०. पार० सिंघी ने आमंत्रण पत्र पढ़ कर सुनाया और पधारे हुए महानुभावों का योग्य शब्दों में सत्कार किया। इसके पश्चात् स्वागताध्यक्ष सेठ भभूतमल चतराजी ने अपना भाषण पढ़ना प्रारम्भ किया। आपके गले में कुछ कष्ट होने के कारण श्री० ठाकुर लक्ष्मणसिंहजी ने शेष भाषण बहुत अच्छी तरह से पढ़ कर सुनाया । पंडाल में ६ लाउड स्पीकर लगे रहने के कारण स्टेज पर बोलने वाले महानुभावों के भाषण श्रोतागण बड़ी सुगमता के साथ सुन रहे थे।
शिवगंज निवासी ऋषभदासजी ने सभापति निर्वाचन की आवश्यक्ता बतलाते हुए सूरत निवासी सेठ दलीचंद वीरचंदजी का नाम पेश किया ।
आपने बतलाया कि यह महाशय कितने योग्य हैं इसका अनुमान आप इसी से लगा लें कि यह सज्जन सूरत के " लेडी विलिंगडन असताश्रम, जैन विद्यार्थी आभम" के प्रमुख और सूरत डिस्ट्रिक्ट कोआपरेटिव बैंक, सूरत जिला सहायक सहकारी मंडल, पीपुल्स कु-आपरेटिव बैंक, श्री धर्मचंद उदयचंद जैन जीर्णोद्धार फण्ड, जैन बनिता विश्राम, जैन महिला विद्यालय, मोहनलाल जी जैन ज्ञान भण्डार, कतारगाँव जैन मन्दिर, आदि अनेक संस्थाओं के सदस्य एवं संचालक तथा प्रमुख हैं। आप बहुत बड़े धनाढ्य होते हुए इतनी समाज एवं देश सेवा में संलग्न रहते हैं। साथ ही साथ यह कहना अनुचित न होगा कि आपका जन्म यहां से दो माइल झाडोली ग्राम में हुआ है। . .. .. श्रीयुत् मूलचंद आशाराम बैराठी ने श्री० जीवनदेवजी नादिया वाले, श्री मवेरचंदजी बीजापुर वाले और भीयुत् एस० आर० सिंघी के समर्थन अनुमोदन के पश्चात् सर्व सम्मति से प्रस्ताव पास हुआ और योग्य सभापतिजी ने अपना आसन ग्रहण किया। आसन ग्रहण करने के पश्चात् सिंघी कुन्दनमलजी सिरोही निवासी की कन्या पंखूबाई ने आकर आपके मस्तक पर तिलक किया।