Book Title: Mahavir 1933 04 to 07 Varsh 01 Ank 01 to 04
Author(s): C P Singhi and Others
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Porwal Maha Sammelan
View full book text
________________
'महावीर' के नियम (१) यह पत्र प्रति मास प्रकाशित होगा । (२) इसका वार्षिक मूल्य सर्व साधारण के लिये रु० ११) रक्खा गया है।
(३) रु. १०) दश प्रति वर्ष चंदा देने वाले सद्गृहस्थ इस पत्र के सहायक समझे जायेंगे और उनके नाम पत्र के हर अंक में सहायक-नामावली में प्रकाशित होते रहेंगे।
(४) रु. १००) एक सौ की सहायता देने वाले उदार सज्जन पत्र के ग्राश्रयदाता समझ जायेंगे और उनको यह पत्र बिना मूल्य भेजा जायगा। उनके नाम भी आश्रयदाताओं की नामावली में हर मास प्रकाशित होते रहेंगे।
(५) रु० २५०) की सहायता देने वाले महानुभाव इस पत्र के संरक्षक समझे जायेंगे और उनका जीवन चरित्र, मय फोटू के, प्रकाशित किया ज यगा । उनको भी पत्र बिना मूल्य भेजा जायगा।
(६) महा सम्मेलन के उद्देश्यों के अतिरिक्त विवाद-पूर्ण धर्म चर्चा, व्यक्तिगत आक्षेपात्मक एवं राजनीति संबंधी लेखों को इस पत्र में स्थान नहीं दिया जायगा।
(७) इसी प्रकार सारहीन लेखों को भी प्रकाशित नहीं किये जायेंगे जो सजन अपने लेख वापिस मंगाना चाहें, या कार्यालय से किसी प्रकार का उत्तर प्रत्यु. त्तर चाहें, तो उनको डाकखर्च के लिय टिकट भेजना जरूरी होगा । बेरंग चिहियां नहीं स्वीकारी जायेंगी।
(८) प्रबन्ध संबंधी पत्र, रुपये आदि का पत्र व्यवहार महामंत्री, अखिल भारतवर्षीय पोरवाल महासम्मेलन, सिरोही से किया जाय । सम्पादन संबंधी लेख, पत्र, परिवर्तन ( Exchange ) के पत्रादि और पुस्तके वगैरा सम्पादक "महावीर" सिरोही (राजपूताना) के नाम भेजे जायं ।
पत्र व्यवहार का पता:--- "महावीर" कार्यालय
सिरोही ( राजपूताना)