Book Title: Mahavir 1933 04 to 07 Varsh 01 Ank 01 to 04
Author(s): C P Singhi and Others
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Porwal Maha Sammelan
View full book text
________________
२८
महावीर राज श्री शान्तिविजयजी महाराज के दर्शनों का लाभ होगा। इसके अतिरिक्त इस मौके पर एक संघ गोडवाड़ प्रान्त से भी आवेगा, उस मौके पर कईएक महानुभावों के दर्शनों का लाभ होगा। .
चैत्र सुदि ७ से १५ तक चैत्री श्रोलीयों की क्रिया श्री पौरवाल जैन मित्र मंडल बम्बई की तरफ से होगी। उसमें से भी सर्व सज्जन इस सम्मेलन में भाग लेंगे और वहां पर धार्मिक प्रर्दशन होगा। समर्थमल रतनचन्दजी सिंघी, द० भबूतमल चतराजी देलदर निवासी, महामन्त्री,
चेयरमैन, स्वागत समिति
स्वागत समिति नोट-स्टेशन सज्जन रोड ( पिंडवारा ) से श्री बामणवाड़जी चार माइल है, स्टेशन पर मोटर बैलगाड़ी आदि का इन्तजाम है । बामणवाडजी से दस मील की दूरी पर सिरोही एक जैन नगरी है, जहां पर आधे श्रेत्रुञ्जय के दर्शनों का लाभ भी होगा। सर्व सज्जनें। से सविनय निवेदन है कि हर महाशय अपने २ विस्तर साथ रक्खें ।
पूज्यपाद शासन-प्रभावक पंजाब-चीर केसरी पंचनद-मरुदेशोद्धारक विद्याप्रेमी
प्रातःस्मरणीय बालब्रह्मचारी प्राचार्य महाराज श्री १०८ श्री विजयवल्लभ सूरीश्वरजी की पवित्र सेवा में - अभिनन्दन पत्र एवं उपाधि-समर्पण प्राचार्य श्री ! ___ श्री नवपद चैत्री भोली तथा श्री अखिल भारतवर्षीय पोरवाल महासम्मेलन के अवसर पर भारतवर्ष के भिन्न २ प्रान्तों से श्री बामणवाड़जी तीर्थ में एकत्र हुआ यह समस्त जैन संघ आपके विद्याव्यासंग, धर्म और समाज की प्रगति के लिये आपके भगीरथ प्रयास और अज्ञान दशा में पड़े हुए हमारे अनेक माईयों के उद्धारार्थ आपके द्वारा की हुई महान् सेवाओं का स्मरण करके आपके प्रति अपना हार्दिक पूज्य भाव व्यक्त करता है।