Book Title: Mahavir 1933 04 to 07 Varsh 01 Ank 01 to 04
Author(s): C P Singhi and Others
Publisher: Akhil Bharatvarshiya Porwal Maha Sammelan
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_ समाज दिग्दर्शन - प्रति गांव में पौरवालों के कितने घर हैं ? प्रति घर में कितने पुरुष स्त्री ब्याहे, या विधुर हैं प्रति घर में कितने कुंआरे लड़के लड़किए हैं, किस २ उम्र के हैं भादि बातें लिखकर 'महावीर' कार्यालय-सिरोही को भेजें ताकि वहां पर एक रजिष्टर खोल कर उसका इन्दराज हो जाय और साथ ही साथ मासिक में प्रकट होता हे ताकि सर्व को मालूम हो जाये । - हमने सिरोही में इसकी गणना की है जिसकी संख्या निम्न लिखित हैं ।
- पोरवाल (बीसा ) घर १३६ हैं कुल संख्या ३८५ पुरुष । ब्याहे ७६ ।. ... ब्याही ७६ । कुंवारे । लड़के ८६ २०४ । विधर २५ प १० विधवा ६८ १३४ । लड़किये ४६
शिवगंज में टांणा मौसर की बात चीत और उसके रोकने का सम्मेलन कार्य कर्ताओं का प्रयास-ता० ५ झोरा मगरा के पंच योगीराज शान्तमूर्ति अनन्तजीव प्रतिपाल योगलब्धि सम्पन्न राजराजेश्वर श्री शान्तिविजयजी महाराज को झोरा मगरा में पधारने के लिये विनति करने को श्रीवामणवाड़जी गये थे। उस समय किसी ने यह सूचित किया कि शिवगंज में टाणे होने वाले हैं
और सताईस गांवों के पंच इकट्ठे हो रहे हैं। उस पर योगनिष्ठ ने उपदेशमय पत्र के साथ झोरा मगरा व सिरोही पंचों को शिवगंज भेजे। उन्होंने महाराज श्री के पत्र को पंचों को दिया और टांणे न करने के लिये कहा जिस पर उत्तर मिला कि अभी जो २७ गांव इकट्ठे हो रहे हैं और वे सम्प के लिये इकट्ठे होते हैं। आपकी बात पर अकेला शिवगंज क्या विचार कर सकता है। फिर भी आपकी बात पूर्ण ध्यान में हैं। कहने का सारांश यह है कि शिवगंज के पंचों ने साफ २ उत्तर नहीं दिया परन्तु वहां के युवक इस बात पर दृढ़ है कि टांणे न होने देंगे और अगर किये गये तो सत्याग्रह किया जायगा । अतएव पंचों से प्रार्थना है कि वे कलह को अपने गांव में स्थान न दें। ये टोणे धर्मविरुद्ध है इस लिये संमेलन के प्रस्तावानुसार इनको बन्द कर देना ही बहतर है।
रुपाई-परगने में सुधार---इस परगने के सब गांवों के पंच श्रीबामणवादजी में एकत्र हुए और जाति हित के लिये सम्मेलन के बहुत से प्रस्तावों को कार्य रूप में रखने के लिये लिखत हुआ है । इस सुधार की नकल हमारे पास अभी तक नहीं पाई है। आने पर समाज के सन्मुख रखी जायगी।