________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
( २० )
तो अपने दोनोंका पेशा एक ही है । अपने दोनों का एक व्यापार होनेसे दोनों ही एक सरखे हैं, जातिभाई नहीं परन्तु धंधे से समान हैं। तुम भी मलाह और मैं भी मलाह, तुम्हारा कृत्य संसार समुद्रसे तारनेका है तो मेरा काम इस नदीसे तारनेका है, जब कि आप और मैं दोनों एक क्रियाके करनेवाले हैं तो फिर मेहनताना काहें का ? एक धोबी दूसरे धोबीसे कपड़े धुलाकर एकनाई दूसरेनाईसे हजामत करा कर मजदूरी देता कमी देखा है या सुना है ? न्यायकी बात सिर्फ यह ही है कि -आज आप फिरते फिरते मेरे घाट पर आ चढे हैं मैंने आपको तारा जब कभी भटकता भटकता मैं तुम्हारे घाट पर आ पहुंचूं तो आपने मुझे भी पार कर देना !! चाह ! शाबास !! शाबास !! सोचना चाहिये कि श्रीमदूरामचंद्रजीके दर्शनसे जब एक
For Private And Personal Use Only