Book Title: Kshama Rushi
Author(s): Lalitvijay
Publisher: Atmtilak Granth Society

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Page 39
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (३६) रमें कहनेवालोंकी तो कमी नहीं. सिर्फ करनेवालोंकी ही त्रुटि है, । उसमें भी जिस लोकातीत आचारवाले विभुने जैसा कहा है वैसाही खुद कर बताया है बस वही मुमुक्षुओंको अनुकरणीय है। “जा बेटा शूली पर चढ़ जा तेरा बाल बांका न होगा" ऐसे मिथ्याड़बरियोंसे तो प्रायः संसार भरा पड़ा है। भारतकी तेतीस करोड़की वस्तिमें ५६ लाख साधु हैं जिनमें आत्मारामी-विषयवामी और सच्चे मुक्तिगामी थोड़ेही हैं । बहुतसे तो स्वयं नष्टाः परान्नाशयति । . अन्चल तो उपदेश करना क्या है ? इस बातको ही नहीं जानते और अगर कतिपय कुछ जानते भी होंगे तो-- पंडित वैद्य मसालची तीनो एक समान । औरोंको चान्दन करें आप अंधेरे जान ॥१॥ For Private And Personal Use Only

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