Book Title: Khartargaccha Pratishtha Lekh Sangraha
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy
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भट्टारक जंगमयुगप्रधान १०८ श्री श्रीजिनउदयसूरीश्वराणां पादुका जं । यु । भट्टारक श्री श्रीजिनहेमसूरिजिद्भिः प्रतिष्ठितं खरतर बृहदाचार्यगच्छे श्रीविक्रमपुरे मध्ये श्रीरतनसिंहजी विजयराज्ये शुभं भवतु ॥ श्री ॥
(२०६६) लब्धिधीर - पादुका
संवत् १९०२ शाके १७६७ मासोत्तममासे ज्येष्ठमासे शुक्लपक्षे त्रयोदश्यां तिथौ बुधवासरे पं । लब्धिधीरगणीनां पादुका वा० हर्षरंगगणिकारापितं रत्नसिंहजी विजयराज्ये श्रीरस्तु विक्रमपुरमध्ये । भ० श्रीजिनहेमसूरिजिद्भिः प्रतिष्ठितम् ॥
(२०६७) सिद्धचक्र यंत्रम्
सं० १९०२ वर्षे आश्विनमासे शुक्लपक्षे पूर्णिमासितिथौ जयनगरवास्तव्य श्रीमालवंशे फोफलीया गोत्रीय चुन्नीलाल तत्पुत्र हीरालालेन श्रीसिद्धचक्रयंत्र कारितं चारित्रउदय उपदेशात् प्र । बृ । भ । खरतरगच्छीय श्रीजिननंदीवर्द्धनसूरिभिः पूजकानां प्रपितरांभूयात् ।
(२०६८) सिद्धचक्र-यंत्रम्
सम्वत् १९०२ आश्विन शुक्ल पूर्णिमास्यां १५ सिद्धचक्रमिदं श्रीश्रीमालज्ञातौ मींडीयागोत्रीय मु । देवीदासजी तत्पुत्र मुनीलाल तत्भगिनी सुतोभिधानतया बृहत्खरतरगच्छीय जं० यु० प्र० भट्टार्क श्रीजिननंदीवर्द्धनसूरिभिः मुनियोधराजाभिधानोपदेशात् ।
(२०६९) सुपार्श्वनाथ मंदिर - प्रशस्तिः
॥ सं० १९०२ मिते पौष सुदि ६ तिथौ रविवारे श्रीमधुवने श्रीपार्श्वनाथचैत्य श्रीबीकानेर वास्तव्य समस्त श्रीसंघेन कारितं प्रतिष्ठापितं बृहत्खरतरभट्टारकगच्छाधीश श्रीजिनहर्षसूरि पट्टालंकार जं । यु । भ । श्रीजिनसौभाग्यसूरिभिः श्रीसंघस्य श्रेयोर्थम्
(२०७०) ज्ञानसार- पादुका
॥ सं० १९०२ वर्षे मा। सु । ६ पं । प्र । ज्ञानसार जी पादु ।
(२०७१ ) शिलापट्ट - प्रशस्तिः
बृहत्खरतरभट्टारकगच्छे जंगमयुगप्रधान श्री श्री १०८ श्रीजिनरत्नसूरिशाखायां वाचनाचार्य श्री १०८ श्रीकर्मचन्द्रजीगणि तच्छिष्य पं । प्र । श्री१०८ श्रीअखेचंद्रजी गणि तच्छिष्य पं । प्र । श्री १०८ श्रीरत्नचंद्रमुनि पं। प्र। श्री१०८ श्रीचैनसुखजी मुनि पं । प्र । श्री १०८ श्रीमोतीचंद्रजी तच्छिष्य पं । प्र । श्रीहीरानंदजी मुनि पं । प्र । श्रीकुशलचन्द्र मुनि तस्य बगीची मध्ये श्री १०८ श्रीसुमतिनाथजी श्रीजिनमंदिर का सभामंडप श्रीसंघेन
२०६६. खरतरगच्छीय शाला, नाल, बीकानेर: ना० बी०, लेखांक २३१० २०६७. श्रीमालों का मंदिर, जयपुर : प्र० ले० सं०, भाग २, लेखांक ५२२; पू० २०६८. खरतरगच्छीय बडा मंदिर तुलापट्टी, कलकत्ता : जै० धा० प्र० ले०, २०६९. सुपार्श्वनाथ मंदिर, मधुवन, सम्मेतशिखर : भँवर०
२०७०. ज्ञानसार जी का समाधि मंदिर, गोगा दरवाजा, बीकानेर : ना० बी०, लेखांक १९८५ २०७१, सुमतिनाथ जिनालय, नागौरः प्र० ले० सं०, भाग २, लेखांक ५२३
खरतरगच्छ-प्रतिष्ठा-लेख संग्रह:
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जै०, भाग २, लेखांक १२२८ लेखांक ३५७
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(३६३)
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