Book Title: Khartargaccha Pratishtha Lekh Sangraha
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 530
________________ (२७४७) शिलालेखः खरतरगच्छाधिपति प० पू० आचार्य भगवन्त श्रीजिनउदयसागरसूरीश्वर जी एवं जिनकांतिसागरसूरीश्वरजी म० सा० के आशीर्वाद से आज्ञानुवर्ती प० पू० प्रवर्तनी प्रेमश्रीजी म० सा० की प्रशिष्या सुलोचना श्रीजी म० सा० सुलक्षणाश्रीजी म. सा. के सदउपदेश से मंदिर के केशर, धूप, दीप, दूध के लिये साधारण खातो की नामावली........ (२७४८) शिलालेखः सं० २०४२ फा० सु० ३ गुड़ामालानीग्रामे श्रीजिनकुशलसूरिप्रतिमा-प्राण प्रतिष्ठापितं आ० जिनकांतिसागरसूरि शिष्य मुनिमणिप्रभसागरेण खरतरगच्छ श्रीसंघेन कारापितं। (२७४९) शिलालेखः श्रीजिनदत्तसूरि दादाबाड़ी तलेटी रोड पालीताणा श्रीवर्धमानस्वामी देरासर एवं श्रीसीमंधरस्वामी देरासर के नवनिर्माण एवं दादाबाड़ी जीर्णोद्धार निमित्ते स्व० आचार्य श्रीकृपाचंदसूरीश्वरजी म० सा० समुदाय के प्रवर्तिनी स्व० महिमाश्रीजी एवं० स्व० साध्वीश्री ज्ञानश्रीजी व स्व० चंदनश्रीजी के शिष्या वर्तमान मुनि जयानंद के आज्ञावर्त्ति साध्वीजीश्री मेघश्रीजी श्रीमहेन्द्र श्रीजी श्रीप्रमोदश्रीजी श्रीमहेन्द्रप्रभाश्रीजी के सदुपदेश एवं प्रेरणा से खरतरगच्छ श्रीसंघ की ओर से ११००१) रु. प्रदान किए वि० सं०२०३८ . (२७५०) शिलालेखः श्रीवर्द्धमानस्वामीका बिंब व देहरी बीकानेर निवासी स्व० पु० सेठ शंकरदानजी एवं स्व० श्रीमती चुनीदेवी नाहटा की स्मृति में उनके सुपुत्र श्रीशुभराज नाहटा पुत्र वधू श्रीछोटादेवी पौत्र तनसुखराय प्रपौत्र प्रकाशकुमार नाहटा द्वारा निर्माण कराया। (२७५१) शिलालेखः __ श्रीबीकानेर निवासी स्व० पू० श्रीभैरवदानजी स्व० पु० दुर्गादेवी नाहटा की स्मृति में उनके पुत्र हरखचंद विमलचंद पौ० ललितकुमार प्रदीपकुमार दिलीपकुमार नाहटा परिवार द्वारा श्रीसीमंधर स्वामीजी की मूर्ति एवं देहरी निर्माण एवं प्रतिष्ठा कराया (२७५२) अलौकिक-पार्श्वनाथः ॥ वि० सं० २०५८ फाल्गुन कृ० ५ रविवासरे अलौकिक पार्श्वनाथजिनबिंबं खरतरगच्छीय गणाधीश कैलाशसागर आज्ञायाम् गणि पुर्णानन्दसागर प्रतिष्ठितम् महत्तरा साध्वी मनोहरश्री मणिप्रभाश्री सान्निध्ये नागपुर दादाबाड़ी जिनालय कारयितुश्च नागपुर इन्दौरा दादाबाड़ी सं० ०३.०३.२००२ २७४७. चन्द्रप्रभ जी का मंदिर, गांधीचौक, बाड़मेर: बा० प्रा० जै० शि० लेखांक १७९ २७४८. श्रीपार्श्वनाथ मंदिर व दादाबाड़ी, गुड़ामालानी- बाड़मेर: बा० प्रा० जै० शि०, लेखांक ५१ २७४९. दादाबाड़ी, शत्रुजय भँवर० (अप्रका०), लेखांक ११७ २७५०. दादाबाड़ी, शत्रुजयः भँवर० (अप्रका०), लेखांक ११४ २७५१. दादाबाड़ी, शत्रुजयः भँवर० (अप्रका०), लेखांक १११ २७५२. दादाबाड़ी, नागपुर (४७२) खरतरगच्छ-प्रतिष्ठा-लेख संग्रहः Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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