Book Title: Khartargaccha Pratishtha Lekh Sangraha
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 546
________________ ७६ जयपुर, मोहनबाड़ी १६०३, १७१५, १७१६, १७१७, १७१८, १७४६, २२२४, २५२७, २५५४, २५५६, २५८७, २५८८, २६२१ जयपुर, लीलाधर जी का उपाश्रय १६६६,१८२२, १८३१ जयपुर, विजयगच्छीय बांठियों का मंदिर ७८०,७९७, ९६६, १२७७, १६०६, २५७६, २६१८ जयपुर, यति श्यामलालजी का उपाश्रय २१५६,२६४९ जयपुर, श्रीमालों का मंदिर ९६८, १२९५, १६७६, १७४७, १८२६, १८२७, १९०३, १९०४, १९०७, १९९८, २०६७, २०९७, २५११, २५१२, २५७०, २५७१ जयपुर, श्रीमालों की दादाबाड़ी १९९६, १९९७, २१४९, २२०१, २२०३, २२०४, २२०५, २२२१, २२२२, २२२३, २६०३, २६०४, २६०७ जयपुर, श्रीमालों की दादाबाड़ी, पार्श्वनाथ मंदिर जयपुर, सुमतिनाथ मंदिर २०९, ३०३, ३३३, ८११, ८३१, ९१९, १२१४, १२४१, १६२५, १६४६,१६५०, २२४२, २६१६, २६१७ जयपुर, सुपार्श्वनाथ पंचायती मंदिर १३८,१४२, ३३७, ३७१, ३७३, ५२५, ६४१, ६८६,७६५, ७७७,७९०,९१०, ११०६, ११४०, १३६३,१६४५, १६०७, १६५४, १६५८, १६५९, १६७५, १६८०, १६८२,१६८३, १७२०, १७३८, १७४३, १७४८, १८३३, १९१२, १९५४, २०२२, २२६६, २२८४, २२५९, २४९६, २५००, २५५१, २५५२, २६४४ जयपुर, स्टेशन मंदिर १३५६, २४७५, २५०७,२५२६ जसोल (मारवाड़) जैन मंदिर ७९१ जांगलू, (बीकनेर) पार्श्वनाथ जिनालय १८६३,१८८२,१९२० जामनगर, आदिनाथ जिनालय ४०७, ६००, ८२६, ८२९, ८३४ जामनगर, दादाबाड़ी १२७० जालना, चन्द्रप्रभ मंदिर ८०४,९१४ जालोर, पार्श्वनाथ मंदिर जावर (उदयपुर) जैन देरासर २१० जीरावला, देहरी क्रमांक १७ के दरवाजे के ऊपर जीरावला, पार्श्वनाथ मंदिर १८२ जूना बाड़मेर, जैन मंदिर ४२,४३ जूनीआ २१८ जैसलमेर, अखयसिंह का देरासर १७६ जैसलमेर, अमरसागर, आदिनाथ जिनालय ५७४,९००,२०८० जैसलमेर, अमरसागर, सवाई हिम्मतराम जी का मंदिर १५४, १९५८, २२६७, २३६३, २३६६, २३६८, २३६९, २३७१, २४०९ जैसलमेर, अमरसर, सवाईराम बाफणा का मंदिर ७०६,७०९,८५१, १९७६ जैसलमेर, अमृतधर्म स्मृतिशाला १६५३,१६५५,१६५६,१६५७ जैसलमेर, अष्टापद जी का मंदिर १२१, २४२, २८७, ४७३, ५०५, ५०७,५०८, ५१४, ५१९, ५६६, ५७६, ६१८, ६२१, ६२९, ६९१, ७४४, ८३३, ८४३, ८४४,८५२,८५६,८७०,८८४,७७४,१०६८,१०८०, २३६५ जैसलमेर, आदिनाथ जिनालय ८३५, ८८७, ८८८,८८९,८९१, ८९२, ८९३,८९९, १०११ (४८८) परिशिष्ट-२ २० १६४ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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