Book Title: Khartargaccha Pratishtha Lekh Sangraha
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 470
________________ (२३६५) मुनिसुव्रतः संवत् १९२८ का मि० माघ सुदि १३ गुरौ श्रीमुनिसुव्रतबिंबं श्री० जं० यु० प्र० भ० श्रीजिनमुक्तिसूरिभिः कारापितं च ........... ( २३६६ ) पार्श्वनाथ: (१) ॥ संवत् १९२८ शाके १७९३ प्रवर्त्तमाने मिती माघ सुदि १३ गुरौ श्रीपार्श्वजिनबिंबं प्र(२) तिष्ठितं श्रीमत्बृहत्खरतरगच्छाधीश्वर जंगमयुगप्रधान भट्टारक श्रीजिनमुक्तिसू(३) रिभिः ॥ महाराजाधिराज महारावलजी श्रीवैरिसालजी विजयरा (४) ज्ये श्रीजैसलमेर कारितं च संघवी बाफणा हिमतराम न (५) थमल्ल सागरमल्ल उमेदमल्ल मूलचंद सगनमल्लादिभिः॥ स्वश्रेयोर्थं ॥ ( २३६७) मूलनायक - पार्श्वनाथ- पंचतीर्थी : सं० १९२८ शाके १७९२ प्रवर्त्तमाने माघसुदि १३ गुरौ श्रीपार्श्वजिनबिंबं प्रतिष्ठितं श्रीमत्बृहत्खरतराधीश्वर जं० यु० भ० श्रीजिनमुक्तिसूरिभिः श्रीकिशोर विजोरका संघेन कारितं जैसलमेर मध्ये | ( २३६८ ) पार्श्वनाथ: (१) सं० १९२८ शाके १७९३ मिती माघ सुदि १३ गुरौ श्रीपार्श्वजिनबिंबं प्र० । (२) श्रीजिनमुक्तिसूरिभिः ॥ महाराजाधिराज महारावलजी श्रीवैरिसालजी ( २३६९ ) पार्श्वनाथः (१) ॥ सं० १९२८ शाके १७९३ मिति माघ सुदि १३ गुरौ श्रीपार्श्वजिन(२) बिंबं प्र० । श्रीजिनमुक्तिसूरिभिः कारितं च । बा। सं० । हिमतराम। ( २३७० ) मूर्ति : सं० १९२८ मि० माघ सुदि १३ प्र० जं० यु० प्र० भ० श्रीजिनमुक्तिसूरिभि: बृहत्खरतरगच्छे कारापिते श्रीजे. (२३७१) विंशति - विहरमानपट्टः (१) ॥ संवत् १९२८ का शाके १७९३ प्र० (२) वर्त्तमाने मिति माघ सुदि १३ गुरौ (३) श्रीबीस विहरमान जिनबिंबा(४) नि प्रतिष्ठितं च श्रीमद्बृहत्खरतर २३६५. अष्टापद जी का मंदिर, जैसलमेर : ना० बी०, लेखांक २७१९ २३६६. हिम्मतराम बाफणा का मंदिर, अमरसागर, जैसलमेर : पू० जै० भाग ३, लेखांक २५३३ २३६७. जैनमंदिर, ग्राम केसूर : मालवांचल के जैन लेख, लेखांक १०७ २३६८. हिम्मतराम बाफणा का मंदिर, अमरसागर, जैसलमेर : पू० जै० भाग ३, लेखांक २५३४ २३६९. हिम्मतराम बाफणा का मंदिर, अमरसागर, जैसलमेर : पू० जै० भाग ३, लेखांक २५३५ २३७०. शीतलनाथ जिनालय, जैसलमेर : ना० बी०, लेखांक २७०६ २३७१ . हिम्मतराम बाफणा का मंदिर, अमरसागर, जैसलमेर : पू० जै०, भाग ३, लेखांक २५४० ४१२) खरतरगच्छ-प्रतिष्ठा-लेख संग्रह: Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jalnelibrary.org

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