Book Title: Khartargaccha Pratishtha Lekh Sangraha
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 482
________________ का ( २४४६ ) जिनचन्द्रसूरि-पादुका संवत् १९४० वर्षे शाके १८०५ मिति वैशाखमासे शुक्लपक्षे ३ तृतीयायां तिथौ बुधवासरे भ। यं । दादाजी श्रीजिनचन्द्रसूरिजी चरणपादुका भ। श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः प्रतिष्ठितं श्रीसंघेन कारापिता ।। (२४४७) शालालेख श्री सं० १९४० शाके १८०५ मि० ज्ये० शु० १३ गु० पं। प्र। श्रीश्री १०८ आणंदसोमजी प्र॥ ___ (२४४८ ) जिनकुशलसूरि-पादुका दादाजी श्रीजिनकुशलसूरिजी॥ सं० १९४० रा मि। मिगसर वदि ७ श्रीजिनचंद्रसूरिभिः (२४४९ ) सिद्धचक्रयंत्रम् श्रीसिद्धचक्रो लिखितो मया वै भट्टारकीयेन सुयंत्रराजः। श्रीसुन्दराणां किल शिष्यकेण, सरूपचंद्रेण सदर्थसिद्ध्यै ॥ १॥ श्रीमन्नागपुरे रम्ये, चंद्रवेदांकभूमिते (१९४१)। अब्दे वैशाखमासस्य तृतीयायां सिते दले॥२॥ (२४५०) दादागुरु-पादुके ___ संवत् १९४१ वर्षे शाके १८०६ प्रवर्त्तमाने ज्येष्ठमासे शुक्लपक्षे पंचमतिथौ ५ गुरुवासरे दादाजी श्रीजिनदत्तसूरिः जिनकुशलसूरीश्वरचरणप्रतिष्ठितं. ....................मुता धरमज श्रीसंघउपदेशतः श्रीरस्तु । कल्याणमस्तु। ___ (२४५१) निजैचंद्र-पादुका ॥ १९४१ मिति भाद्रव सुदि ३ गुरांजी पं। प्र। श्री १०८ श्रीनिजैचंद खरतरा अचरजगच्छ रा। (२४५२) सं० १९४२ चैत्र सुदि १० रविवासरे श्रीकलकत्तावास्तव्य ओसवंशे...........जीवणदास चुनीलाल भार्या गुलाबबाई पार्श्वनाथ। खरतरगच्छे देवचंद्रेण प्रति० (२४५३) आदिनाथः सं० १९४२ का मिति आषाढ़ वदि १३ दिने श्रीगोलछा धनाणीगोत्रे श्रावक बाघमलजी भार्या मघी कुंवर तस्य पुण्य हेतवे॥ २४४६. दादासाहब की बगीची, चुरू: ना० बी०, लेखांक २४१९ २४४७. दादासाहब की बगीची, चुरू: ना० बी०, लेखांक २४२३ २४४८. कुंथुनाथ जिनालय, रांगड़ी चौक, बीकानेर: ना० बी०, लेखांक १६८८ २४४९. केशरियानाथ मंदिर जोधपुरः प्र० ले० सं०, भाग २, लेखांक ६४१ २४५०. शांतिनाथ जी का मंदिर, पचपदरा, बाड़मेर: बा० प्रा० जै० शि०, लेखांक १०४ २४५१. दादाबाड़ी, जैसलमेर: ना० बी०, लेखांक २८६६ २४५२. खरतरवसही, शत्रुजयः भँवर० ले० सं० (अप्रका०), लेखांक ६५ २४५३. शांतिनाथ जिनालय, नाहटों में, बीकानेर: ना० बी०, लेखांक १८०२ (४२४) (खरतरगच्छ-प्रतिष्ठा-लेख संग्रहः Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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