________________
गुणा है । इसके अनन्तर कालीन उदय से सांप्रतिक बंध अनन्त गुणा है।
विशेष-विवक्षित समय के अनन्तर काल में होने वाला अनुभाग बन्ध स्तोक है। उससे तदनन्तर काल में होनेवाला अनुभाग उदय अनन्तगुणा है। उस उदय से इस समय होनेवाला अनुभाग बन्ध अनन्तगुणा है । इस अनुभागबन्ध से इस समय होनेवाला अनुभाग उदय अनन्तगुणा है- "सेकाले अणुभागबन्धो थोवो, सेकाले व उदो अणंतगुणो । अस्सि समए बन्धो अणंतगुणो । अस्सि चेव सयए उदो अणंतगुणो" ( १९९६ ) गुणढि अणंतगुरणेणूणाए वेदगो दु अणुभागे । गणणादियंतसढी पसग्गेण बाई ग साविहासागर जी महाराज ___ यह अनुभाग का प्रतिसमय अनन्तगुणित होन गुणश्रेणीरुप से वेदक है। प्रदेशानकी अपेक्षा उसे असंख्यात गुणित श्रेणी रुपसे वेदक जानना चाहिए।
विशेष-"अस्सि समए अणभागुदयो बहुगो । से काले प्रणतगुणहीणो एव सम्वत्थ"-इस समय अर्थात् वर्तमान काल में अनुभाग का उदय बहुत होता है। इसके अनंतरकाल में अनुभाग का उदय अनन्तगुण हीन है। इस प्रकार सर्वत्र जानना चाहिए । "पदेसुदयो अस्सि समए थोबो । से काले असंखेज्जगुणा । एवं सव्वत्थ'- इस वर्तमानकाल में प्रदेशोदय अल्प होता है। इसके अनन्तरकाल में वह असंख्यातगुणा होता है। इस प्रकार उत्तरोत्तर समय में प्रदेशोदय सर्वत्र असंख्यातगुणा जानना चाहिए । १९९७) बंधो व संकमो वा उदओ वा किं सगे सगे ठाणे । से काले से काले अधिो हीरो समो वा पि ॥ १४७॥
बंध, संक्रम वा उदय स्वस्व स्थान पर तदनन्तर तदनन्तर काल की अपेक्षा क्या अधिक है, हीन है अथवा समान है ?