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भगवच्छासनावध्याद कथनम्
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कल्पसूत्रे | मेरा शासन हीयमान होगा। सशब्दार्थे
____फिर से श्री गौतमस्वामी पूछते हैं कि हे भगवन् आप किस कारण से इस प्रकार से कहते हैं ? उत्तर में प्रभुश्री कहते हैं हे गौतम ! मेरे जन्म नक्षत्र के उपर भस्मराशी नामका महाग्रह संक्रमण करता है, उसके प्रभाव से दो हजार | वर्ष पर्यन्त साधुओं का अथवा साध्वियों का अथवा श्रावक और श्राविकाओं का उदय
और पूजा सत्कार नहीं होगा । बहुत से मुनि स्वच्छन्द आचार पालनेवाले होंगे । अपने आप संयमी होंगे। अनेक मुनि मेरा स्वलिंग रूप मुख के ऊपर मुखवस्त्रिका का त्याग करेगा। बहुत से मुनि द्रव्यलिंग को धारण करनेवाले होंगे अनेक निह्नव अर्थात् सच्चे | अर्थ को छिपानेवाले होंगे । हे भगवन् किस कारण से आप ऐसा कहते हैं ? हे गौतम ! | अनेक मुनि के नामको धारण करनेवाले अर्थात् नाम मात्र से मुनि कहलानेवाले श्वेत वस्त्रको रजोहरण मुहपत्ति आदि उपधि को स्वलिंग नहीं मानेंगे, कितनेक मुनि मुहपत्ति
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