Book Title: Kalpsutram Part 02
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 880
________________ सुत्रत प्रभोः चरित्रम् कल्पसूत्रे । सात हजार वर्ष, राज्य गादी समय १५ हजार वर्ष, शिविका मनोहरा, दीक्षा कल्याणक सशब्दार्थे फाल्गुन शुक्ल द्वादशी एक हजार के साथ, पहली गोचरी देनेवाले का नाम प्रभवसेन, ॥८६४॥ पहली गोचरी में क्या मिला खीर, छद्मस्थ अवस्था का समय ११ ग्यारह मास चैत्यवृक्ष का नाम चंपक, केवल कल्याणक फाल्गुन कृष्ण द्वादशी, निर्वाण कल्याणक पौष कृष्णनवमी, देह प्रमाण २० बीस धनुष, वर्ण श्याम, लक्षण कूर्म, नायक गणधर इन्द्रकुंभ; अग्रणी साध्वी पुष्पवती, प्रव्रज्या समय साढे सात हजार वर्ष, गणधर संख्या तीस हजार, साध्वी संख्या पचास हजार, श्रावक संख्या एकलाख ७२ बहत्तर हजार, श्राविका संख्या तीन लाख ५० पचास हजार, साधु केवली एक हजार आठसौ, साध्वी केवली तीन हजार छसौ, अवधिज्ञानी एक हजार ८ आठसौ, मनःपर्यायी एक हजार पांचसौ, चतु. दशपूर्वी ५सौ, वैकुर्विक दो हजार दोसौ, वादी संख्या १२०० बारहसौ, शासन काल छ लाख वर्ष. कितना पाट माक्ष में गया संख्याता, शासन देव वरुण, शासन देवी अक्षुप्ता।२०॥ ८६४॥

Loading...

Page Navigation
1 ... 878 879 880 881 882 883 884 885 886 887 888 889 890 891 892 893 894 895 896 897 898 899 900 901 902 903 904 905 906 907 908 909 910 911 912