Book Title: Kalpsutram Part 02
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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कल्पसूत्रे
अरिष्टनेमि प्रभोः चरित्रम्
सशब्दार्थे
॥८६९॥
- २२ अरिट्ठनेमिपहुस्स चरित्तंमूलमू-जबुद्दीवे भरहखेत्ते अचलपुर नामणयरे होत्था। तत्थ विक्कमधणो नाम पतावी राया रज्जं करीअ, संखस्स पुव्वजम्मबंधु मूरो सोमोवि आरणदेवलोगाओ चविथ सिरिसेण गिहे जसोहरो गुणहरो य नामो पुत्तो जाओ। संख राया दिक्खिओ जाओ, संखो राया बीसठाणाई आराहिऊण तित्थगर नामं गोयं कम्मं निबंधिअ, तओ पच्छा अपराजिय देवलोग बत्तीस सागरोवमो ठिईओ महड्ढिओ देवो जाओ, तओ चविऊण सोरीपुरे जम्मं, पिउस्स नाम समुद्दविजओ, माउस्स नाम सिवा देवी, आउ एगसहस्सवरिसं, कत्तिय किण्हा बारसे दिणे गब्भकल्लाणगं, सावण सुक्कपंचमी दिणे जम्मकल्लाणगं, कुमारपए | तिण्णिसयावरिसा, एगसहस्सपरिवारेण सद्धिं उत्तर नाम सिबियारूढो सावण
||८६९।।

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