Book Title: Kalpsutram Part 02
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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प्रभोः
॥८४९॥
चरित्रम् ।
कल्पसत्रे । वणो, अयलक्खणो, गणणायग गणहरो संभु, अग्गणी साहुणी अज्जू, । कुन्थुनाथ । सशब्दार्ये
पव्वज्जाकालो तेवीससहस्स पन्नासोत्तरं सत्तसयावरिसा, गणहराणं संखा पणतीसा, साहु संखा सट्ठिसहरसा, साहुणी संखा छसयोत्तर सट्ठिसहस्सा, सावगाणं संखा एगलक्ख एगोन असीइसहस्सा, सावियाणं संखा तिलक्ख एकासीइसहस्सा, साहुकेवली दोसयोत्तर तिण्णिसहस्सा, साहुणि केवलि चत्तारि सयोत्तर छसहस्सा, ओहिणाणीणं संखा एगसयोत्तर छसहस्सा, मणपज्जवनाणीणं संखा एगसयोत्तर अट्ठसहस्सा, चउद्दसपुवीणं संखा छसया चत्तारि, वेउव्वियलद्धिधराणं संखा एगसयोत्तर पंचसहस्सा, वाईणं संखा दो सहस्सा, पल्लोवमस्स चउत्थे भागे एगसहस्स कोडिवरिसं नूण सासणकालो, पंचअहिओ पणवीससया पट्टा मोक्खं गया, सासणदेवो गंधब्बो, सासणदेवी अच्चुया ॥
॥८४९॥

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