Book Title: Kalpsutram Part 02
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 867
________________ . कल्पसूत्रे सन्दार्थे ।।८५१॥ 1. प्रभोः : . तेईस हजार सातसो पचास वर्ष, राजगादी समय ४७ सेंतालीस हजार वर्ष, शिविका , कुन्थुनाथ अभयकरा. दीक्षा कल्याणक वैशाख कृष्ण पंचमी, एक हजार के साथ पहली गोचरी । चरित्रम् दाता का नाम व्याघसिंह, पहली गोचरी में क्या मिला खीर, छद्मस्थावस्था का समय १६ वर्ष, चैत्र वृक्ष का नाम तिलकवृक्ष, केवल कल्याणक चैत्र शुक्ल तृतीया, निर्वाणकल्याणक वैशाख कृष्ण प्रतिपदा, देहप्रमाण ३५ धनुष, वर्ण कंचन. लक्षण अज, नायक गणधर शंभूजी, अग्रणी साध्वी अंजू, प्रवज्या समय २३७५० वर्ष, गणधर संख्या ३५, साधु संख्या साठ हजार, साध्वी संख्या ६० हजार छसो, श्रावक संख्या १ लाख । ७९ उन्नासी हजार. श्राविका संख्या तीन लाख ८१ हजार. साधु केवली ३ तीन हजार दोसौ, साध्वी केवली चारसौ. अवधिज्ञानी छहजार एकसौ, मनःपर्यायी आठ हजार एकसौ चतुर्दश पूर्वी छसौ सत्तर, वैकुर्विक ५ पांच हजार १ एकसो. वादी संख्या दो . हजार, शासनकाल पाव पल्योपम में १ हजार करोड वर्ष कम. कितना पाट मोक्ष में ॥८५१॥

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