Book Title: Jivan Shreyaskar Pathmala
Author(s): Kesharben Amrutlal Zaveri
Publisher: Kesharben Amrutlal Zaveri

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Page 327
________________ २६०] [ जीवन-श्रेयस्कर-पाठमाला . . तए णं से सेणिए राया समणस्स भगवो महावीरस्स अंतिए धम्म सोच्चा निसम्म समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ वंदइत्ता वमंसित्ता एवं वयासी-इमेसि णं भंते ! इंदभूइपामोक्खाणं चउद्दसराहं समणसाहस्सीणं कयरे अणगारे महा-- दुक्करकारए चेव महाणिजरयराए चेव ? ॥ ४४ ॥ एवं खलु सेणिया! इमेसिं इंदभूइपामोक्खाणं चउद्दसराहं समणसाहस्सीणं धन्ने अणगारे महादुक्करकारए चेव, महानिजरतराए चेव ॥ ४५ ॥ से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ इमेसिं चउद्दलण्हं समणसाहस्सीणं धन्ने अणगारे महादुक्कर कारए चेव महानिजरयराण चेव ॥ ४६॥ '. एवं खलु सेणिया ! तेणं कालेणं तेणं समएणं काकंदी नाम नयरी होत्था, जाव प्पि पासायवडिसए विहरइ । तए णं अहं अराणया कयाइ पुव्वाणुपुब्बीए चरमाणे गामाणुगाम दुइजमाणे जेणेव क.कंदी नयरी जेणेव सहस्संबवणे उजाणे तेणेव उवागए २त्ता अहापडिरूवं उग्गह उग्गिरिहत्ता संजमेणं तवसा जाव विहरामि । परिसा णिग्गया, तं चैव जाव पवइए जाव बिलमिव जाव आहारेति.धनस्लणं अणगारस्स पादाणं सरीरवन्नो सव्वो जाव उवसोमेमाणे २ चिट्ठइ । से तेणटेणं सेणिया ! एवं वुच्चइ इमेसिं चउदसराहं समणसाहस्सीणं धन्ने अरणगारे महादुकरकारए चेव महानिजरयराए चेव ।। ४७ ॥ तते ण से सेणिए राया समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए एयमटुं सोचा निसम्म हट्टतुटे समां भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ वंदइ नमंसह २ त्ता

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