Book Title: Jinvani Special issue on Acharya Hastimalji Vyaktitva evam Krutitva Visheshank 1992
Author(s): Narendra Bhanavat, Shanta Bhanavat
Publisher: Samyag Gyan Pracharak Mandal

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Page 8
________________ • प्राचार्य श्री हस्तीमलजी म. सा. • vii २१३ م م م ل سه لله २४६ २१. बिखरे सूत्रों को जोड़ने की कला-स्वाध्याय : प्रो० उदय जैन २२. स्वाध्याय के प्रबल प्रेरक : श्री चैतन्यमल ढढ्ढा २१६ २३. वीतरागता के विशिष्ट उपासक : श्री सम्पतराज डोसी २१८ २४. आचार्य श्री एवं नारी-जागृति : श्रीमती सुशीला बोहरा २२० २५. नारी-चेतना और प्राचार्य श्री : कुमारी अनुपमा कर्णावट २२६ २६. आचार्य श्री हस्ती व नारी-जागृति: डॉ० कुसुमलता जैन २७. आचार्य श्री की समाज को देन : नीलमकुमारी नाहटा २३७ २८. अहिंसा के प्रचार-प्रसार में आचार्य श्री का योगदान : श्री हँसमुख शांतिलाल शाह २४२ २६. जीवन्त प्रेरणा-प्रदीप : डॉ० शान्ता भानावत २४४ ३०. साधुत्व के आदर्श प्रतिमान : डॉ० महावीरमल लोढ़ा २४७ तृतीय खण्ड प्रेरक पद एवं प्रवचन २४६-३५६ प्राचार्य श्री के प्रेरक पद २४६-२७२ १. मेरे अन्तर भया प्रकाश २. आत्म-स्वरूप २४६ ३. आत्म-बोध २५० ४. सब जग एक शिरोमणि तुम हो २५१ ५. श्री शान्तिनाथ भगवान की प्रार्थना ६. पार्श्व-महिमा २५२ ७. प्रभु-प्रार्थना २५३ ८. गुरु-महिमा २५४ ६. गुरुवर तुम्हारे चरणों में २५५ १०. गुरु-भक्ति ११. गुरु-विनय २५६ १२. सामायिक का स्वरूप २५७ १३. सामायिक-सन्देश २५७ १४. सामायिक-गीत २५८ १५. जीवन-उत्थान गीत १६. स्वाध्याय-सन्देश २६० १७. स्वाध्याय-महिमा २६० १८. स्वाध्याय करो, स्वाध्याय करो २६१ १६. जागृति-सन्देश २६१ २५२ २५५ २५६ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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