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de Indian Culture V/s. Western Culture the
जैनिज़म के पिछले खंड में आपने देखा कि शिविर के निमित्त से सुसंस्कृत बनी जयणा तथा मॉडर्न लाईफ स्टाईल में पली सुषमा, दोनों की शादी हो गई अब आगे... दोनों अपने-अपने संस्कारों के
अनुरूप अपना-अपना जीवन व्यतीत करने लगी। समय अपनी गति से बढ़ता गया और दोनों ने साथ-साथ गर्भ धारण किया।
___ गर्भ के सार संभाल में भी दोनों के बीच में दिन-रात का अंतर था। जयणा को गर्भ से संस्कार देने का महत्त्व पता होने के कारण वह उसी के अनुरूप बड़ी सावधानी पूर्वक गर्भ का पालन करने लगी। वह चाहती तो मौज-मज़ा, ऐशो आराम कर आनंद पूर्वक समय व्यतीत कर सकती थी। पर वह जानती थी कि अपने मौज-शौक के क्षणिक सुख के पीछे बच्चे का भविष्य बिगाड़ना उचित नहीं है, अत: वह सतत अपने तथा अपने गर्भ के लिए शुभ-भाव करती थी तथा चारित्र प्राप्ति की नित्य प्रार्थना करती थी क्योंकि उसे पता था कि.गर्भकाल में की हुई भावना भविष्य में उसके बच्चे को शासन का अनुरागी बनायेगी। जो उसकी अंतर मन की इच्छा थी। उसके पास ज्ञान था और उसने उसका पूरा उपयोग किया। वह सावधान रही।
इसके बिल्कुल विपरीत सुषमा तो गर्भकाल को मौज-मस्ती और आराम का समय मानती थी। उसे तो जैसे काम से छुट्टी मिल गई हो। आराम से पति के साथ घूमती-फिरती, टी.वी. देखती और यदि घर में अकेले बोर हो जाती तो सहेलियों को बुलाकर गप्पे मारती या किटी पार्टी में चली जाती। इस प्रकार अपनी लाईफ स्टाईल के अनुसार गर्भ काल व्यतीत होने पर दोनों ने एक-एक लड़की को जन्म दिया। जन्म के पश्चात् भी जयणा ने अपने पास सही समझ होने के कारण तथा बच्चे के भविष्य की दीर्घदृष्टि से बचपन से ही उसमें संस्कारों का बीजारोपण शुरु कर दिया। अपने विचारों के अनुरूप जयणा ने अपनी पुत्री का नाम 'मोक्षा' रखा, ताकि सदैव उसके मन में मोक्ष की झंखना बनी रहे। जन्म होते ही सर्वप्रथम उसे नवकार मंत्र का श्रवण करवाया। पालने में भी झुलाते समय महापुरुषों के गुणों से गुम्फित हालरड़े (गीत) गाकर उसे सुलाया करती थी।
जयणा ने अपनी बेटी को थोड़ी बड़ी होते ही पाठशाला भेजना शुरु कर दिया ताकि वह पाश्चात्य संस्कृति में न रंगकर उसका जीवन धार्मिक संस्कारों और भारतीय संस्कारों से रंगा रहे। बचपन से ही नित्य जिन पूजा, नवकारसी, यथाशक्ति चउविहार, बड़ो को प्रणाम, पाठशाला आदि के संस्कार जयणा ने उसे दिए थे। मोक्षा के मन में धर्मक्रिया करने या सिखने में उत्साह जगाने के लिए जयणा उसे कई प्रकार के
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