Book Title: Jainism Course Part 01
Author(s): Maniprabhashreeji
Publisher: Adinath Rajendra Jain Shwetambara Pedhi

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Page 216
________________ OP ससार-दावानल-दाह-नी भावावनाम-सुरदानव-मानवेन-चूलाविलोलकमलावलिमालितानि । । नमामि वीर गिरिसारधीरम् || सपरिताऽभिनतलोकसमीहितानि काम नमामि जिनराजपदानि तानि ।।। समोहधूलीहरणे समीरम् । B000 मायारसा दारण सारसीर remonepalonadawRampaic FREE3955 965 संसारपदावानल वाजवी भवविरहवर देहि मे देवि सारम् । बोधागाध सुपदपदवीन्नीरपूराभिराम, जीवाहिंसा-विरल लहरी संगमागाहदेहम् । चूलावेल गुरुगम-मणि-संकुल दूरपार सारे वीरागमजलनिधि सादर साधु सेवे ॥ वाणी-संदोह-देहेर मायासमा JAIN पक्षवा leल्पसूत्र द्रष्टिवा જ ભગવતી પયal

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