Book Title: Jainism Course Part 01
Author(s): Maniprabhashreeji
Publisher: Adinath Rajendra Jain Shwetambara Pedhi

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Page 215
________________ चारित्र समाटि सुपुमा कल्लाणाकद ज्ञान IPEG प्रढम जिणिद वंदे सति . अपार ससार-समूह-पार पत्तासिक दितु सुइक्कसार । -सले जिर्णिदा सर-विद वदा कल्लाणवल्लीण विसालकदा ।।। नमि वद्धमाण कुदिदु-गोक्खीर-तुसार-वन्ना सरोजहत्था कमले निसण्णा । वाईसरी पुत्थयवग्गहत्था सहाय सा अम्ह सया पसत्था 0 BASALI कुवादी

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