Book Title: Jainism Course Part 01
Author(s): Maniprabhashreeji
Publisher: Adinath Rajendra Jain Shwetambara Pedhi

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Page 195
________________ तो मैंने 1000 रूपये दिए। क्या कुछ नहीं किया मैंने तुम्हारी खुशी के लिए? डॉली - चुप रहो मॉम! ऐसी इमोश्नल बातें करके आप मुझे बहकाने की कोशिश मत कीजिए। अब आपकी इस झूठी बातों का मुझ पर कोई असर नहीं होगा। किस प्रेम की बात कर रही है आप? जब-जब मुझे आपकी जरुरत पड़ी तब-तब आप किटी-पार्टी, शॉपिंग, फ्रेन्डस में बिज़ी रहती। जब-जब मैंने आपसे प्रेम मांगा तब-तब आपने मेरे प्रेम को पैसों में तोला। मेरी इच्छा तो आपने जरुर पूरी की क्योंकि आपके पास पैसे थे पर आप और पापा कभी मुझे प्यार नहीं दे पाए। आपने मुझे बड़ा किया तो इसमें कोई एहसान नहीं किया मुझ पर। ये तो हर माँ-बाप का कर्तव्य होता है। पर आप मुझे स्नेह, प्रेम, वात्सल्य नहीं दे पाए। प्रेम तो छोड़ो आपके पास तो इतना समय भी नहीं था कि आप मुझे होम-वर्क करा सके या मेरा टिफीन भर सके। बस, जो प्यार मुझे आपसे नहीं मिला वह प्यार समीर ने मुझे दिया। दुनिया भर की सारी खुशियाँ समीर ने मुझे दी। मॉम! मुझे बिगाड़ने में पूरा हाथ आपका ही थां। याद कीजिए आप ही ने मुझे झूठ बोलना, बहाने बनाना सिखाया था नां? सुन लीजिए मॉम! दुनिया में हर व्यक्ति को प्यार पाने का अधिकार है और वह प्यार मुझे समीर ने दिया। अब अपना प्यार पाने में मुझे कोई भी नहीं रोक सकता, आप भी नहीं। (सुषमा ने गुस्से में आकर डॉली को एक और थप्पड़ मारी।) सुषमा - समीर-समीर-समीर! भूत सवार हो गया है तुझ पर समीर का। दो-चार अच्छी बातें क्या कर दी अपनी माँ के सामने बोलने लगी है तू। शर्म नहीं आई तुझे एक मुसलमान के साथ प्यार करने में। उसके घर जाकर क्या तू माँस-मच्छी खाएगी? .. डॉली - मॉम! समीर ने मेरे खातिर हमेशा-हमेशा के लिए माँस खाना छोड़ दिया है। सुषमा - ये तेरी गलतफहमी है। सिर्फ तुझे इम्प्रेस करने के लिए उसने ऐसा कहा है। ऐसा वास्तव में कभी नहीं होगा। जरुर उसकी नज़र तुम्हारी दौलत पर हैं। डॉली - रॉट अप मॉम! आप समीर के बारे में ऐसा नहीं बोल सकती। सुषमा- ठीक है डॉली! अब मैं भी देखती हूँ कैसे तुम समीर के पास जाती हो ? (ऐसा बोलकर डॉली के हाथ से मोबाईल खींचकर सुषमा ने रोते हुए उसे रुम में बंद कर दिया।) डॉली - (अंदर से) ठीक है मॉम, आप भी देख लेना। मैं शादी करूँगी तो समीर से वर्ना ज़हर खाकर मर जाऊँगी। लेकिन किसी और से शादी नहीं करूँगी। (शाम को आदित्य के घर आने के बाद सुषमा ने आदित्य को सारी बातें बताई और जल्दी से जल्दी डॉली का रिश्ता तय करने की बात की। आदित्य ने भी अब डॉली के रिश्ते के लिए बात चालु की। दुःख के पहाड़ (145

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