Book Title: Jain Mahapurana Kalaparak Adhyayana
Author(s): Kumud Giri
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 12
________________ विषय-सूची: कुबेर १७३, कामदेव १७४, वामनदेव १७५, लक्ष्मी १७६, सरस्वती १७७, हृद देवियाँ १७७, गंगा व सिन्धु देवी १७८, दिक्कुमारी १७८, नागपूजा १७९, गोम्मटेश्वर बाहुबली १७९ । सप्तम अध्याय : स्थापत्य : मन्दिर, समवसरण, राजप्रासाद एवं सामान्य भवन १९०-२१० जैन मन्दिर १९१, समवसरण १९७, भवनों के प्रमुख अंग २०३, भवन के प्रकार और स्वरूप २०४ । अष्टम अध्याय : सांस्कृतिक जीवन २११-२५३ आभूषण २१२, आभूषण निर्माण के उपादान २१३, आभूषणों के प्रकार २१४, शिरोभूषण २१४, कर्णाभूषण २१५, कष्ठाभूषण २१६, कराभूषण २२०, कटिआभूषण २२१, पादाभूषण २२२, वस्त्र २२३, वस्त्र के विभिन्न प्रकार एवं स्वरूप २२४, केशसज्जा २२८, प्रसाधन २३०, संगीत २३३, नृत्य २३७, दैनिक उपयोग के पात्र आदि २४० । उपसंहार २५४ परिशिष्ट-जैन महापुराण पोथीचित्र सन्दर्भ-सूची चित्र-सूची शब्दानुक्रमणिका शुद्धिपत्र २९४ २६७ م م २७० २८२ २८६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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