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रहने वाले हिन्दू कहलाये, जिनमें वैष्णंव, सिव्यूव, जन आदि सभी सम्मिलित थे और उनके धर्मों को भी हिन्दू धर्म के नाम से ही पुकारा जाता था । वर्तमान काल में अगर वैष्णव धर्मी अपने को हिन्दू कहते हैं तो जैनों को भी हिन्दू कहने में संकोच नहीं होना चाहिए।
साप्ताहिक हिन्दुस्तान २१ मई . १९७२ में स्वामी रामचन्द्रवीर अपने लेख में लिखते हैं कि हिं-(हिंसा) दू-(दूर) हिंसा से जो दर रहे वह हिन्दू है। अपना धर्म हिंदू धर्म है। वह सम्प्रदाय नहीं है हिन्दू राष्ट्र है ।
इसी पत्र में प्रो० . बलराज मधोक लिखते हैं कि जो भारतीय है वो हिंदू हैं। '
. इस शब्द का उद्गम सिन्धु नदी से है। ईरानी लोगों ने सिन्धु नदी के देश को सिन्धु स्थान-हिन्दुस्तान (फारसी में संस्कृत का स-ह हो जाता है) कहा और हिन्दुस्तान के लोगों को हिंदू कहा । हिंदू कोई सम्प्रदाय या पंथ नहीं है, बल्कि . भारतीय जन का -एक राष्ट्र है और · हिन्दू धर्म उनकी जीवन पद्धति है। हमारे भूतपूर्व राष्ट्रपति डा. राधाकृष्णन के अनुसार हिंदूइज्म कोई मजहब नहीं है। यह मजहबों और पंथों की 'कामनवेल्थ' है।
अव हम हिन्दू शब्द के प्रथम अर्थ को ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर विचार करें-हिन्दुस्तान का प्राचीत नाम भारतवर्ष था। भगवान् ऋपभ के पुत्र भरत के नाम से इस भूखण्ड का नाम भारतवर्प पड़ा था। इसके साक्ष्य में श्री मद्भागवत अन्य अनेक सुराण तथा जैन साहित्य का उल्लेख किया जा सकता है। भारतवर्ष के निवासी लोगों का व्योपारिक, राजनयिक,
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