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आज प्रशासकीय क्षेत्र में हिन्दू का नाम भी इसी कारण घृणित माना जा रहा है, क्योंकि हिन्दू एक धर्म - व्यवस्था है प्रोर अंग्रेजी माध्यम से शिक्षित लोग धर्म को मजहब ही समझते हैं । इस कारण हिन्दू एक सम्प्रदाय माना जाने लगा है तथा हिन्दू का पक्ष लेना साम्प्रदायिकता हो गया है और साम्प्रदायिकता को प्रोपसमिक रोग माना जाने लगा है ।
इस प्रकार एक अन्य शब्द है 'नेशन' नेशन का पर्याय संस्कृत अथवा हिन्दी में जाति तथा राष्ट्र किया जाता है । हिन्दू एक राष्ट्र है और उसे नेशन मान लिया जाता है। कारण यह कि अंग्र ेजी के 'नेशन' शब्द को जाति मोर राष्ट्र दोनों माना जाता है ।
वास्तव में 'नेशन' के अर्थ न तो जाति हैं और न ही राष्ट्र | परिणाम यह हो रहा है कि यदि यह कहा जाता है कि भारत में हिन्दू राष्ट्र है तो उसके श्रनेक शब्दों में राष्ट्र का अभिप्राय 'नेशन' होने से उसे हिन्दू नेशन मान लिया जाता है और इस देश में 'नेशन' तो देश के नागरिक बनाते हैं । नागरिक केवल हिन्दू ही नहीं । हिंदू: एक मजहब है और इस देश में कई
• मजहवों के लोग रहते हैं । श्रव तो हिंदू को एक पृथक मजहब मान सिक्ख, वौद्ध सबको अहिंदू घोषित किया जा रहा है तथा
कथित अछूतों को भी
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हिंदू न मानने का प्रयास किया जा रहा
श्री वेदकर का छूतों को वौद्ध हो जाने की सम्मति देने का अभिप्राय यही था कि वे इस प्रकार हिंदू की मुख्य धारा से पृथक हो जायेंगे, क्योंकि वह अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त वकील हिंदू को एक मत मानना था और बोद्ध मत को हिंदू